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Best of Five Scheme: 5 विषय में अच्छे नंबर और 6वें में हुए फेल, फिर भी हो गए पास, जानिए कैसे

पांच विषय में अच्छे नंबर और छटवें में हुए फेल, फिर भी हुए हो गए पास, जानिए कैसे

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सागर

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Samved Jain

May 14, 2018

... then more than 40 thousand students in the district will become pr

... then more than 40 thousand students in the district will become pr

सागर. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा लागू की गई बेस्ट ऑफ फाइव योजना के अंतर्गत कक्षा 9वीं-10वीं के विद्यार्थी छह विषय की परीक्षा देंगे जरुर लेकिन इनकी परिणामों की गणना पांच विषय की ही होगी। यानि जिन छह विषयोंं में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा ली जाती है उनमें से पांच विषयों में जिसमें सबसे अधिक अंक आए है उसे ही परीक्षा परिणाम की गणना में जोड़ा जाएगा।

अगर कोई विद्यार्थी एक विषय में फेल भी हो गया और अन्य पांच में पास है तो वह उत्तीर्ण माना जाएगा। प्राप्तांकों की गणना भी अब पांच विषय की होगी जिस विषय में सबसे कम अंक है उसकी गणना नहीं होगी। ये निर्णय उन हजारों विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो केवल एक विषय में अरूचि या दूसरे कारण से कम नंबर ला पाते है या इसमें फेल हो जाते है।

दो वर्ष से चल रही तैयारी

बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति अपनाने की तैयारी पिछले दो वर्ष से तैयारी चल रही है। इसमें 26 अगस्त 2016 को स्कूली शिक्षा विभाग ने निर्णय लेते हुए यह प्रणाली लागू करने के लिए कहा था। इसके बाद 7 जुलाई 2017 को माध्यमिक शिक्षा मंडल की बैठक में इसे लागू करने का फैसला हुआ जिसके आदेश 20 जुलाई को अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी कर दिए है। इसका लाभ पिछले वर्ष भी छात्र-छात्राओं को मिला था।


ये हैं 6 विषय

हाईस्कूल कक्षा 9वींं, 10वीं में छह विषय- प्रथम भाषा, द्वितीय भाषा एवं तृतीय भाषा, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान एवं गणित होते है। परीक्षाफल बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति से यानि इनमें से जिन पांच विषयों में (सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक) में अलग-अलग उत्तीर्ण होना अनिवार्य होगा। 6वां विषय जिसमें सबसे न्यूनतम अंक आएंगे उसकी गणना महायोग में नहीं की जाएगी। 6वे विषय के अंक, अंकसूची मे मात्र प्रदर्शित होंगे और इस विषय में उत्तीर्ण होना भी अनिवार्य नहीं होगा।

जिला शिक्षा अधिकारी दमोह पीपी सिंह का कहना है कि इस बात के आदेश हमें मिल चुके है जिसके बाद सभी प्राचार्यों को सूचित किया जा रहा है। इस आदेश में कक्षा 9वीं-10वीं के विद्यार्थी छह विषयों में परीक्षा देंगे लेकिन जिन पांच विषयों में अधिक अंक आएंगे उसकी गणना की जाएगी।