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मप्र के इस जिले में है मुनि तरुण सागर का गांव, यहां पढ़े पूरा जीवन परिचय

मप्र के इस जिले में है मुनि तरुण सागर का गांव, यहां पढ़े पूरा जीवन परिचय

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सागर

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Samved Jain

Aug 31, 2018

दमोह. जैन मुनि तरुण सागर महाराज के लिए आज पूरा देश नमोकार की जप कर रहा है। मुनिश्री द्वारा समाधि की भावना व्यक्त करने के बाद सब भगवान से कामना कर रहे है। कड़वे प्रवचन वाले गुरु का जीवन भी काफी प्रभावित करने वाला रहा है। कैसे पवन कुमार जैन मुनि तरुण सागर और राष्ट्रीय संत बन गए, यह जानने के लिए नजर डालते है उनके संपूर्ण जीवन परिचय पर।

मुनि तरुण सागर महाराज का जीवन परिचय

बचपन का नाम- पवन कुमार जैन


जन्म तिथि- 26 जून, 1967, ग्राम गुहजी, जिला दमोह मध्यप्रदेश

माता- महिलारत्न श्रीमती शांतिबाई जैन

पिता - श्रेष्ठ श्रावक श्री प्रताप चन्द्र जी जैन


लौकिक शिक्षा- माध्यमिक शाला तक


गृह - त्याग 8 मार्च , 1981


छुुल्लक दीक्षा- 18 जनवरी , 1982, अकलतरा ( छत्तीसगढ़) में


मुनि दीक्षा - 20 जुलाई, 1988, बागीदौरा (राज.)


दीक्षा - गुरु आचार्य पुष्पदंत सागर जी मुनि


लेखन- हिन्दी


बहुचर्चित कृति- मृत्यु बोध


मानद-उपाधि- 'प्रज्ञा-श्रमण आचार्यश्री पुष्पदंत सागरजी द्वारा प्रदत


प्रख्याती- क्रांतिकारी संत


कीर्तिमान- आचार्य भगवंत कुन्दकुन्द के पश्चात गत दो हज़ार वर्षो के इतिहास मैं मात्र 13 वर्ष की उम्र में जैन सन्यास धारण करने वाले प्रथम योगी 7 रास्ट्र के प्रथम मुनि जिन्होंने लाल किले (दिल्ली) से सम्बोधा।


- जी.टी.वी. के माध्यम से भारत सहित 122 देशों में महावीर - वाणी ' के विश्व -व्यापी प्रसारण की ऐतिहासिक शुरुआत करने का प्रथम श्रेय ।


-हरियाणा की विधानसभा में प्रवचन देने वाले प्रथम मुनि।


- एक टीवी चैनल के सीधी बात कार्यक्रम में शामिल होकर जैन धर्म और जैन मुनि की चर्या को श्रोताओं को बड़ी ही सहजता से समझाकर रिकॉर्ड बनाया।

मुख्य - पत्र अहिंसा - महाकुम्भ (मासिक)


आन्दोलन- कत्लखानों और मांस -निर्यात के विरोध में निरंतर अहिंसात्मक रास्ट्रीय आन्दोलन।


सम्मान- 6 फरवरी ,2002 को म.प्र. शासन द्वारा' राजकीय अतिथि ' का दर्जा ।
2 मार्च , 2003 को गुजरात सरकार द्वारा ' राजकीय अतिथि 'का सम्मान ।


साहित्य- 3 दर्जन से अधिक पुस्तकंे उपलब्ध और उनका हर वर्ष लगभग दो लाख प्रतियों का प्रकाशन


रास्ट्रसंत- म. प्र. सरकार द्वारा 26 जनवरी , 2003 को दशहरा मैदान , इन्दोर में


संगठन- तरुण क्रांति मंच केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली में देश भर में इकाईया


प्रणेता- तनाव मुक्ति का अभिनव प्रयोग ' आंनंद- यात्रा ' कार्यक्रम के प्रणेता


पहचान- देश में सार्वाधिक सुने और पढ़े जाने वाले तथा दिल और दिमाग को जकजोर देने वाले अधभुत .प्रवचन 7 अपनी नायाब प्रवचन शैली के लिए देशभर में विख्यात जैन मुनि के रूप में पहचान


मिशन- भगवान महावीर और उनके सन्देश " जियो और जीने दो " का विश्व व्यापी प्रचार-प्रसार एवम जीवन जीने की कला प्रशिक्षण