निजी खेतों में हुई है खुदाई, तीन पोकलेन मशीन जब्त, खनिज विभाग करेगा आगे की कार्रवाई
बीना. रिफाइनरी विस्तार के लिए आसपास के गांवों में जोरों पर पिछले कई महीनों से अवैध खनन चल रहा है और लाखों डंपर मिट्टी कोपरा निकाला जा चुका है। शिकायतों के बाद भी खनिज विभाग ने कार्रवाई नहीं की, जिससे राजस्व का नुकसान हुआ है। शिकायतों के बाद शनिवार सुबह राजस्व विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की।
एसडीएम विजय डेहरिया, तहसीलदार अंबर पंथी, एसडीओपी नितेश पटेल पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ भांकरई के पास पहुंचे थे, जहां गांव के खेतों में हुए खनन की स्थिति देखी तो दंग रह गए। अलग-अलग खेतों में करीब बीस फीट की गहराई तक खनन किया है और लंबाई व चौड़ाई भी बहुत ज्यादा है, यहां से कितनी मिट्टी व मुरम निकाली गई है, इसका आंकलन नाप करने के ही हो पाएगा। बारिश के कारण खनन तो रुका था, लेकिन तीन पोकलेन मशीन मौके पर मिली हैं, जिन्हें जब्त किया गया है और इस मामले में आगे की कार्रवाई खनिज विभाग कर रहा है। एसडीएम ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों को खनन की शिकायत मिल रही थीं, इसके लिए संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई और मौके से तीन मशीन जब्त की हैं। जिन किसानों के नाम पर जमीन है उनपर कार्रवाई करेंगे। कार्रवाई का प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा जाएगा। साथ ही खनिज विभाग द्वारा पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि पेट्रोकेमिकल प्लांट के निर्माण में समतलीकरण के लिए मिट्टी व मुरम की जरुरत है, इसके लिए यहां कार्य कर रही कंपनी ने किसानों को रुपए देकर खेतों में अवैध खनन किया है। खनन का कार्य खनन का कार्य छह माह से चल रहा है। इस संबंध में खनिज अधिकारी सुनील उइके से संपर्क करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
ड्रोन से कराई वीडियोग्राफी
एसडीएम ने पूरे क्षेत्र की ड्रोन से वीडियोग्राफी कराई है, जिससे पूरे खनन की जानकारी मिल सके। क्योंकि खनन अलग-अलग जगह पर हुआ है।
ग्रामीणों ने कहा पहले होनी थी कार्रवाई
शनिवार को हुई कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने कहा कि यह कार्रवाई कई महीनों पूर्व होनी थी, तो यह खनन रुक जाता। अब तो लाखों डंपर मिट्टी, मुरम निकल चुका है और खेत खदान बन गए हैं। आसपास के क्षेत्र में चारों तरफ खनन किया गया है।
बारिश में होंगे हादसे
खेतों के बीच खनन कर गहरे और गड्ढे बना दिए गए हैं। बारिश में पानी भरने के बाद यहां हादसों की आशंका रहेगी। क्योंकि यहां आसपास खेत हैं और ग्रामीणों का आना-जाना रहता है। यहां सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं हैं।