
Passenger trains should be operational
बीना. भारतीय किसान मजदूर यूनियन और रेल संघर्ष मोर्चा द्वारा मांगों को लेकर मंगलवार की सुबह रेलवे स्टेशन परिसर में प्रदर्शन किया गया। जिसमें बाहर से आए यूनियन के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय किसान नेता भी शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईश्वरचंद त्रिपाठी ने कहा कि रेलवे को बेचने की साजिश सरकार कर रही है। रेलवे को घाटे में बताकर बाद में इन्हें उद्योगपतियों को सौंप दिया जाएगा। मंडी मॉडल एक्ट बनाकर मंडियों को बंद करने की साजिश है, इस एक्ट को भी रद्द करना चाहिए। स्थानीय किसान नेता इंदर सिंह ने कहा कि पैसेंजर ट्रेनें बंद होने के कारण फसल कटाई करने के लिए आने वाले मजदूरों के लिए परेशानी हो रही है। मजदूरों को लेने के लिए किसानों को ज्यादा रुपए खर्च का अलग से वाहन भेजना पड़ रहे हैं। रेलवे को जल्द ही पैसेंजर ट्रेनों को चालू किया जाना चाहिए। यदि ट्रेनें चालू नहीं हुईं तो पंद्रह दिन बाद स्टेशन पर प्रदर्शन किया जाएगा। श्रीकांत द्विवेदी ने कहा कि बसों और अन्य ट्रेनों में कोरोना नहीं फैल रहा है, सिर्फ पैसेंजर ट्रेनों से कोरोना फैलने की बात कही जा रही है। जबकि टिकट पर ज्यादा रुपए वसूलने पैसेंजर ट्रेनें बंद की गई हंै। इस अवसर पर महिला अध्यक्ष सतना चौरसिया चौधरी, शिवप्रसाद शर्मा सतना, अरुण मिश्रा, प्रेमबाई लोधी, इंदोबाई, सुमतो बाई, रामा बाई, गंगा बाई, पुष्पा बाई, सरोज नामदेव आदि उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री के नाम स्टेशन प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें पैसेंजर ट्रेनें चालू करने, वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं को यात्रा शुल्क में दी जाने वाली छूट पर रोक खत्म करने, यात्री किराए में की गई वृद्धि वापस लेने, मासिक टिकट किराया योजना जल्द शुरू करने, दिव्यांग कोटा शुरू करने, रेलवे के दोनों ओर खाली पड़ी जमीनों को भविष्य में रेल विस्तार को ध्यान में रखते हुए उद्योगपतियों को लीज पर देने का फैसला रद्द करने की मांग की है।
Published on:
19 Jan 2021 09:08 pm
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