
धू-धू करके जल गया रावण
आजादी के बाद 1950 से सदर में सप्तमी पर हो रहा रावण दहन, धू-धू करके जल गया रावण
सागर. विजयादशमी के पर्व पर रावण दहन का आयोजन देशभर में किया जाता है, लेकिन मप्र के सागर के सदर क्षेत्र में नवरात्रि की सप्तमी पर रावण दहन किया जाता है। सदर के कजलीवन मैदान में बुधवार को भगवान श्रीराम ने रावण की नाभि पर तीन मारकर वध दिया। रावण धू-धू करके जल गया। रावण के पुतले पर तीन लगते ही भव्य आतिशबाजी हुईं। रावण सदर में सप्तमी पर ही विजयादशमी मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। यहां 1947 में देश आजाद होने के वर्ष 1950 से रावण दहन का कार्यक्रम सप्तमी पर किया जा रहा है। वर्ष-2002 से 2016 तक के बीच में रावण दहन का कार्यक्रम बंद रहा। वर्ष 2017 से हिंदू महा संगठन रावण दहन का आयोजन लगातार करा रहा है।
हिंदू पंचायत ने लिया था निर्णय
संगठन के अध्यक्ष कौशल यादव ने बताया कि सदर के 13 मुहाल में वर्ष 1950 में पहली बार देवी की स्थापना हुई थी। बड़ी हिंदू पंचायत की बैठक में निर्णय लिया गया कि दशहरा के पहले कजलीवन मैदान में रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित करेंगे। भाजपा नेता हरनाम सिंह राठौर के पिताजी ने इस परंपरा को शुरू किया और तब से सप्तमी पर रावण दहन होता आ रहा है। इसके साथ बड़ी संख्या में अखाड़ों का प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित होता था। यहां उसी परंपरा के साथ पहले सदर के 14 मुहाल से रामदल निकाला जाता है और उसके बाद रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता था।
नवमी और दशहरा पर जलेंगे रावण
सप्तमी के बाद नवमी पर भी चकराघाट में रावण दहन किया जाएगा। सांस्कृतिक युवा समिति पिछले करीब 19 वर्षों से नवमी पर रावण दहन का कार्यक्रम कर रही है। दशहरा के अवसर पर पीटीसी ग्राउंड और उपनगर मकरोनिया क्षेत्र में 51 फीट के रावण का दहन किया जाएगा। इसके साथ चकराघाट पर इस वर्ष दशहरा पर भी रावण दहन किया जाएगा। महाकाल संगठन आयोजन करेगा, जिसमें रावण के साथ कुंभकरण और मेघनाद का भी दहन होगा।
Published on:
10 Oct 2024 02:25 am
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