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वीरान हवेली की तरह नजर आ रहे हैं जर्जर मकान, बारिश में हुए खतरनाक

जान-माल का नुकसान हुआ तो कौन होगा जिम्मेदार?

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Shabby house

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सागर. तस्वीरों में दिखाई दे रहे जर्जर व खंडहर मकान कभी भी गिर सकते हैं, जिससे जान-माल का नुकसान भी हो सकता है। लेकिन नगर निगम प्रशासन ने सिर्फ नोटिस जारी करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है। शहर में पिछले सप्ताह से लगातार जारी भारी बारिश ने ऐसे कई जर्जर मकानों की बुनियाद तक हिला दी है। इनके आसपास रहने वाले लोग डर के साये में दिन गुजार रहे हैं। क्योंकि शहर में पिछले सप्ताह ही ऐसे ही दो मकान धराशायी हो चुके हैं। हालांकि जान-माल का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों की जान सांसत में जरूर आ गई। शहर में इन जर्जर व खंडहर मकानों में से ज्यादातर वीरान हवेली से नजर आते हैं। इनमें लोग रहते नहीं हैं। इसके बाद भी नगर निगम प्रशासन इन्हें गिरा नहीं रहा है।
सूचीबद्ध तक नहीं किया
82 जर्जर मकान अब तक निगम प्रशासन द्वारा चिन्हित किए जा चुके हैं, निगम के पास जर्जर भवनों की अधिकृत रूप से कोई भी सूची नहीं है। यह आंकड़ा टैक्स कलेक्टर्स द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर हैं। जिसे निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने सूचीबद्ध तक नहीं किया है।
न नोटिस का पता न ही कार्रवाई का
निगम प्रशासन ने जर्जर मकानों को लेकर नोटिस जारी किए हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम अब तक चुप्पी साधे बैठा है। करीब आठ माह पहले ही निगम प्रशासन ने बड़ा बाजार क्षेत्र में एक कार्रवाई की थी।
इन क्षेत्रों में जर्जर भवन
वृंदावन वार्ड में 3, तिली में 4, पंतनगर में 6, अंबेडकर वार्ड में 3, काकागंज में 6, बाघराज वार्ड में 4, लाजपतपुरा में 19, तिलकगंज में 7, शनीचरी वार्ड में 19, शुक्रवारी में 11 जर्जर मकान निगम प्रशासन ने चिन्हित किए हैं। इसके अलावा भी शहर में कई जर्जर मकान हैं।