
सिरोंजा स्थित शांतिनाथ धाम में नवनिर्मित शांतिनाथ जिनालय के पंचकल्याणक जिनबिंब प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन 16 नवंबर से 21 तक किया जा रहा है। पट्टाचार्य विशुद्ध सागर के ससंघ सानिध्य में कार्यक्रम होगा। 10 सालों में बने लाल पत्थर के मंदिर में भगवान शांतिनाथ की पद्मासन प्रतिमा की स्थापना होगी। 87 इंच की प्रतिमा जयपुर से आई है। जिसे वियतनाम पत्थर से बनाया गया। मंदिर के बाहर पत्थरों पर 24 तिर्थंकर को उकेरा गया है। अद्भुत नक्काशी से बने इस मंदिर में स्वर्णिम वेदी पर भगवान को विराजमान किया गया है। मंदिर की वेदी और दीवारों पर सोने की नक्काशी की गई है। महोत्सव के प्रतिष्ठा निर्देशक बाल ब्रह्मचारी जय कुमार निशांत टीकमगढ़ और प्रतिष्ठाचार्य पंडित सनत कुमार, विनोद कुमार रजवांस है। पूरा महोत्सव 12 एकड़ के परिसर में होगा। मुख्य कार्यक्रम के डोम पंडाल 132 वाई 450 फीट में बना हुआ है। इसके साथ 5 भोजन शाला संचालित की जाएगी। एक मुख्य पंडाल एल्युमिनियम सेक्सन से तैयार किया जा रहा है। परिसर के ढाई एकड़ में नवनिर्मित जिनालय के समीप संत सदन का निर्माण भी किया गया है।
महोत्सव में लगभग 50 पिच्छी का सानिध्य मिलेगा। वहीं साधु संतों की आहार चर्या भी परिसर में बनाए गए चौके में संपन्न कराई जाएगी। महोत्सव के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद भी भक्तों को प्रवेश मिलेगा। रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अब तक 1250 इंद्र-इंद्राणी और 7000 अतिथि के रजिस्ट्रेशन हुए हैं। भक्तों को महोत्सव स्थान तक आने के लिए शहर के 14 स्थानों से नि:शुल्क बस सुविधा की उपलब्ध कराई गई है। दिन में हर बस के करीब 5 से 6 राउंड लगाए जाएंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और अतिथियों के आवास की व्यवस्था शहर की आधा दर्जन धर्मशाला और समीपस्थ होटल में की जाएगी। महोत्सव में शामिल होने के ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
महोत्सव के कार्यकारी अध्यक्ष श्रेयांश जैन ने बताया कि महोत्सव के मुख्य जजमान एवं संयोजक संतोष कुमार जैन घड़ी, गुणमाला जैन घड़ी परिवार है। महोत्सव में सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य डॉ. सतेंद्र जैन, रिचा जैन हैं। भगवान के माता पिता का सौभाग्य सुरेंद्र कुमार शीला जैन को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम अध्यक्ष मनीष सपना गोधा इंदौर हैं। महोत्सव को लेकर विभिन्न समितियों का गठन कर दिया गया है। तैयारियां भी अंतिम चरण में है।
महोत्सव समिति के डॉ. सुबोध जैन, डॉ. सत्येंद्र जैन, अजित जैन, सुरेन्द्र खुर्देलीय, डॉ. अशोक जैन ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ घट यात्रा और ध्वजारोहण के साथ 16 नवंबर की सुबह होगा । कटरा नमक मंडी स्थित गौराबाई दिगंबर जैन मंदिर से घट यात्रा शुरू होकर कार्यक्रम स्थल पहुंचेगी। जहां पर ध्वजारोहण किया जाएगा। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के बाद दोपहर में याज्ञ मंडल विधान होगा। रात्रि में सौधर्म इंद्र का दरबार और माता के सोलह स्वपन दिखाए जाएंगे। 17 नवंबर को माता की दोपहर मे गोद भराई होगी। 18 नवंबर को जन्म कल्याणक पर पाडुंकशिला पर जन्माभिषेक होगा। 19 नवंबर को तप कल्याणक पर राज दरबार, दिग्विजय यात्रा निकलेगी । वैराग्योत्पति के साथ दीक्षा गमन, 20 नवंबर को ज्ञान कल्याणक, 21 नवंबर को मोक्ष कल्याणक मनाया जावेगा। जिनबिंब प्रतिष्ठा और शिखर कलशारोहण होगा। महोत्सव स्थल पर दो मुख्य द्वार तैयार कराए जा रहे है।
Published on:
08 Nov 2025 04:54 pm
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