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स्पीड पर ब्रेक लगाने वाले इस आदेश पर जताई जा रही अापत्ति

जिले के दो प्रमुख संगठनों ने सोमवार को आरटीओ ऑफिस पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।

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Speed governor orders for third time

Speed governor orders for third time

सागर. परिवहन विभाग द्वारा लोडिंग वाहनों में स्पीड गवर्नर बदलने की कार्रवाई को लेकर जिले के दो प्रमुख संगठनों ने सोमवार को आरटीओ ऑफिस पहुंचकर विरोध दर्ज कराया। ट्रक-ट्रांसपोर्ट मालिक एसोसिएशन और ट्रक एवं ट्रांसपोर्ट मालिक महासंघ के पदाधिकारियों ने परिवहन अधिकारी के सामने ट्रक मालिकों की परेशानियां रखीं। ट्रांसपोर्टर्स के संगठनों ने दो साल में तीसरी बार गाइडलाइन का हवाला देकर स्पीड गवर्नर बदले जाने की बात पर भी आपत्ति की।
ट्रक-ट्रांसपोर्ट मालिक महासंघ अध्यक्ष आनंद विश्वकर्मा और सचिव नीरज जैन के साथ पहुंचे कारोबारियों ने बताया परिवहन विभाग दो साल में दो बार स्पीड गवर्नर बदलवा चुका है। इस पर ट्रक मालिकों को १० से १२ हजार रुपए तक का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा है। अब विभाग तीसरी बार नए सिरे से गवर्नर बदलने की बात कह रहा है। आर्थिक मंदी के समय में इस तरह मनमाने तरीके से बार-बार स्पीड गवर्नर बदलने का दबाव बनाना उचित नहीं है। संगठन के पदाधिकारी महेश विश्वकर्मा, काले सलूजा, मुख्तार मोहम्मद, कैलाश जैन, वीरू ठाकुर, संजय चौकसे, अनूप विश्वकर्मा, सोनू जैन, विकास जैन व अन्य ने पूर्व में लगाए गए स्पीड गवर्नर को मान्य कर उसे पोर्टल पर दर्ज करने की मांग की है।
उधर ट्रक-ट्रांसपोर्ट मालिक एसोसिएशन अध्यक्ष नरेन्द्र पाल ङ्क्षसह दुग्गल, राजेन्द्र जैन ने अलग से आरटीओ प्रदीप कुमार शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने भी अपने संगठन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में स्पीड गवर्नर को लेकर जारी किए गए आदेश पर नाराजगी जताई और इसे ट्रक मालिकों पर अनावश्यक दबाव बताया।

ओवरलोडिंग नहीं रुकी तो करेंगे आंदोलन
ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के दोनों संगठनों ने आरटीओ को शहर में जारी ओवरलोडिंग से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कृषि उपज मंडी, सब्जी मंडी, रेलवे माल गोदाम, गेहूं उपार्जन केंद्र सहित अन्य शासकीय, अद्र्ध शासकीय और निजी संस्थाओं द्वारा ट्रकों से ओवरलोडिंग कराई जा रही है। ओवरलोडिंग से मना करने पर बाहर से वाहन बुलाकर काम कराया जाता है जिससे सीधे तौर पर ट्रक-ट्रांसपोर्टरों को आर्थिक नुकसान होता है। उनके वाहनों पर ओवर लोडिंग के नाम पर कार्रवाई की जाती है जबकि इन संस्थाओं के ठेकेदारों द्वारा कराई जाने वाली ओवरलोडिंग की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। दोनों संगठनों ने ओवरलोडिंग न रुकवाने पर आंदोलन खड़ा करने की भी चेतावनी दी।