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बुक किए गए पार्सल को ट्रेन से उतारने नहीं पहुंचता स्टाफ, शिकायतों के बाद भी अमल नहीं

-रेलवे स्टेशन के पार्सल ऑफिस का मामला, पार्सल ऑफिस से भी पार्सल आने की नहीं दी जा रही जानकारी।

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सागर

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Aakash Tiwari

Oct 05, 2019

बुक किए गए पार्सल को ट्रेन से उतारने नहीं पहुंचता स्टाफ, शिकायतों के बाद भी अमल नहीं

बुक किए गए पार्सल को ट्रेन से उतारने नहीं पहुंचता स्टाफ, शिकायतों के बाद भी अमल नहीं

सागर. रेलवे स्टेशन पर पार्सल ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा ट्रेनों की पार्सल बोगी से बुक किए गए सामान को न उतारे जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अन्य राज्यों व शहरों से बुक किए गया सामान सागर तो पहुंचता है, लेकिन उसें पार्सल बोगी से उतारने के लिए कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। एेसे में लोगों को अपना सामान वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। इस संबंध में ढेरों शिकायतें भी की जा रही हैं।
हालांकि स्टेशन पर मौजूद शिकायत पुस्तक में इस तरह की शिकायत इस साल दर्ज नहीं हुई है, लेकिन रेलवे अधिकारियों के अनुसार ट्वीटर पर इस संबंध में ज्यादा शिकायतें की जा रही हैं। इधर, पार्सल विभाग के जिम्मेदार अधिकारी स्टाफ की कमी होने की बात कर रहे हैं। अधिकारी बताते हैं कि ३ शिफ्ट में तीन-तीन कर्मचारी पार्सल उतारने के लिए तैनात किए गए हैं, लेकिन इसके साथ-साथ उन्हें अनाउंसमेंट काउंटर पर भी बैठना पड़ता है। ट्रेन आने के समय एक कर्मचारी ट्रेन के एक छोर पर पार्सल उतारने पहुंच पाता है। दूसरे छोर पर पहुंचने से पहले ट्रेन छूट जाती है।

-सूचना देने की भी नहीं व्यवस्था
ट्रेनों से उतारे जाने वाले पार्सल के संबंध में बुकिंग करने वालों को भी जानकारी नहीं दी जा रही है। या यूं कहें कि इस तरह की सुविधा स्टेशन पर नहीं है। इस संबंध में सागर के मयंक श्रीवास्तव ने बताया कि उसने ट्रेन से सामान बुक कराकर सागर मंगवाया था। यहां माल तो उतार लिया गया, लेकिन उसकी सूचना पार्सल ऑफिस द्वारा नहीं दी गई। ७ दिन बाद जब वह माल उठाने पहुंचा तो उसे ७०० रुपए की पैनाल्टी लगी। मयंक ने इस संबंध में एक शिकायत कर ऑन लाइन ट्रेसिंग सिस्टम शुरू करने की मांग की है।

-औसतन २० से २५ लाख प्रतिमाह
लोगों से बुकिंग के नाम पर पार्सल ऑफिस हर महीने औसतन २०-२५ लाख रुपए का राजस्व अर्जित करता है। सुविधाओं की बात करें तो यहां पर पार्सल उतारने और पार्सल पर नजर रखने की जिम्मेदारी बुकिंग करने वाले की ही है। पार्सल बुक किया है तो पार्सल ऑफिस के लगातार संपर्क में रहना बुकिंगकर्ता की जिम्मेदारी है। वहीं, ट्रेन आने के दौरान भी बुकिंग कर्ता का मौजूद होना जरूरी है। एेसा न करने पर लगभग ६० फीसदी संभावना यही रहती है कि ट्रेन से आपका बुक किया गया समान न उतारा गया हो।

केस-१
कटरा बाजार स्थित एक दुकानदार मनोज सिंह ने बताया कि उसके छोटे भाई ने ५ महीने पहले दुर्ग से एक बाइक सागर के लिए बुक की थी। बुकिंग होने के बाद दूसरे दिन जब वह भाई की बाइक रिसीव करने गया तो वहां पता चला कि बाइक स्टेशन पर उतारी नहीं गई है। इसके बाद प्रबंधन को इसकी शिकायत की। तीन दिन बाद बड़ी मुश्किल से बाइक सागर पहुंच पाई थी।

केस-२
तिली क्षेत्र निवासी अभिषेक तिवारी ने बताया कि उसने भोपाल से एक कार्टून बुक कराया था। लेकिन सागर स्टेशन पर यह कार्टून नहीं उतारा गया था। ट्रेन से यह माल सीधा जबलपुर पहुंच गया। पार्सल ऑफिस में जब इसकी शिकायत की तो उन्होंने उसका पता लगाना शुरू किया। बाद में पता चला कार्टून जबलपुर पहुंच गया है।