
sun transit 2017 effects
सागर. देव गुरु बृहस्पति ६ नवंबर को सुबह 11 बजे पूर्व दिशा में उदय हुए थे और गुरुवार १६ नवंबर को सूर्य ने अपनी राशि तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश कर लिया। अब शादी-विवाह, गृह-प्रवेश, गृह-निर्माण, जनेऊ संस्कार जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। चूंकि शनि पहले से ही वृश्चिक राशि में हैं इसलिए जातकों के लिए कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। सूर्य वृश्चिक में एक माह तक भ्रमण करेंगे।
पं. मनोज तिवारी ने बताया कि 11 अक्टूबर को देव गुरु पश्चिम में अस्त हुए थे। इस कारण देवउठनी एकादशी के बाद भी शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लगी थी, लेकिन गुरु ग्रह का उदय होते ही शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे।
शुभ मुहूर्त 19 से
विवाह योग्य युवक-युवतियों को अब सात फेरे लेने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। नवंबर में 19, 20, 23, 28, 29 को एवं दिसंबर में 3, 4, 10 और 11 को शुभ मुहूर्त हैं। देव गुरु बृहस्पति के उदय होने से दाम्पत्य सुख, संतान सुख मिलेगा। साथ ही ज्ञान का प्रसार होगा, लेकिन 15 दिसंबर को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा। इस तरह शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य फिर रुक जाएंगे। वहीं सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। ग्रहों के अस्त होने पर उसके शुभ प्रभाव का असर लोगों को नहीं मिल पाता है। शुक्र ग्रह का उदय 3 फरवरी को होगा।
खास मौकों पर ज्यादा शादियां
22 नवंबर को विनायक चतुर्थी है। 23 जनवरी को राम-जानकी विवाहोत्सव है। इस दिन विवाह पंचमी भी है। इस विशेष मुहूर्त में अनेक शादियां हैं। 19 नवंबर को इसके बाद मोक्षदा एकादशी के गीता जयंती को अधिक शादियां होंगी। वैसे नवंबर में विवाह के 8 और दिसंबर में 6 मुहूर्त हैं। इस वर्ष शादियों के लिए नवंबर और दिसंबर को मिलाकर केवल 14 मुहूर्त श्रेष्ठ हैं। पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि शादियों में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। विवाह यदि शुभ योग में हो तो उसके परिणाम भी बेहतर और समृद्धिकारक होते हैं।
Published on:
17 Nov 2017 11:56 am
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
