
खाली बोतल लिए ठंडे पाने की तलाश में भटक रहे तामीरदार
सागर. बीएमसी मरीजों व उनके अटेंडरों के लिए ठंडे पानी की व्यवस्था नहीं है। नल भी खौलता हुआ पानी उगलने लगे हैं। कहने को तो बीएमसी में वाटर कूलर लगे हैं, लेकिन शीतल जल की सुविधा उनमें नहीं है। ४० डिग्री से ऊपर हो चुके तापमान ने अभी से लोगों को हैरान-परेशान कर दिया है। तेज गर्मी के कारण बीएमसी की छतों पर बनी पानी की टंकियों में भरा पानी दोपहर होते ही गर्म होने लगता है। एेसे में नलों से गर्म पानी निकल रहा है। परिजन प्यास बुझाने के लिए ग्राउंड फ्लोर पर बने वाटर बूथ तो जाते हैं, लेकिन नलों से गर्म पानी निकलने के कारण खुद को ठगा महसूस करते हैं।
ठंडे पानी की तलाश में बीएमसी से बाहर यहां-वहां दुकानों पर मरीज के अटेंडर घूम रहे हैं। पानी के पाउच और पानी की बोतलों की भी बिक्री दुकानों पर बढ़ चुकी है। ठंडे पानी की व्यवस्था बीएमसी में न होने के कारण मरीज व उनके परिजनों को आर्थिक मार का सामना करना पड़ रहा है। कई गरीब मरीज व उनके परिजन यहां-वहां से दूषित जल पी रहे हैं।
-सिर्फ एक जगह है पानी की व्यवस्था
बीएमसी में दो आरओ सिस्टम लगाए थे। फस्र्ट फ्लोर पर जहां आरओ लगवाया गया था। वहां, पर अटेंडरों द्वारा गंदगी की जाने लगी थी। उसी जगह पर बर्तन धोना और नहाने के कारण कमिश्नर ने इसे वहां से हटवाने के निर्देश दिए थे। अब ग्राउंड फ्लोर पर पानी की व्यवस्था है। हालांकि बताया जाता है कि पहले वाटर कूलर भी लगवाए गए थे, लेकिन ठीक से देखरेख न होने के कारण वह खराब हो गए थे।
मैं दिखवाता हूं
मेरे ख्याल से वाटर कूलर होना चाहिए। यदि नहीं है तो मैं उसे दिखवा लेता हूं। जरूरत के हिसाब से उसकी व्यवस्था की जाएगी।
डॉ. एसके पिप्पल, अधीक्षक बीएमसी
Published on:
31 Mar 2019 08:01 am
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