
water tax hike in sagar (फोटो- सोशल मीडिया)
Water Tax Hike: सागर शहर के लोगों को समय पर और पर्याप्त पानी मिले या न मिले, लेकिन नगर निगम परिषद (Sagar Nagar Nigam) में लिए गए निर्णय अनुसार अब लोगों को जलकर की बढ़ी हुई राशि का बिल जमा करना होगा। नवंबर माह में आने वाला पानी का बिल 50 रुपए से लेकर 2400 रुपए तक बढ़कर आएगा। 27 सितंबर को निगम परिषद की बैठक में हुए निर्णय के पालन में बुधवार को निगमायुक्त राजकुमार खत्री ने जलकर की नई दरें लागू करने आदेश जारी किया। (mp news)
निर्देश दिए गए कि 1 नवंबर से नई दरें लागू की जाएं, जिसमें घरेलू से लेकर व्यवसायिक नल कलेक्शन पर 50 रुपए से लेकर 2400 रुपए तक की राशि बढ़ाई गई है। 14 साल बाद जलकर में की गई यह वृद्धि अब हर 2 साल में ऑटोमेटिक 5 प्रतिशत बढ़ जाएगी। निगमायुक्त राजकुमार खत्री ने जल प्रदाय शाखा और राजस्व अधिकारी को बढ़ी हुई जलकर राशि के अनुसार बिल जारी करने के निर्देश दिए हैं।
राजस्व अमला 33500 पुराने नल कनेक्शन से ही राशि वसूलती है। घरेलू और व्यवसायिक नल कनेक्शन के करीब 66 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसका बोझ शहर के ईमानदार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है। निगम का राजस्व अमला 33500 नल कनेक्शन में से हर साल मात्र 70 फीसदी कनेक्शन से ही राजस्व वसूली कर पाता है। इन 70 प्रतिशत में से 10 प्रतिशत ऐसे उपभोक्ता रहते हैं जो एडवांस में जलकर की राशि जमा करने निगम पहुंचते हैं।
जबकि 50-60 प्रतिशत उपभोक्ताओं से राशि वसूलने निगम अमला को जाना पड़ता है। नोटिस देने पड़ते हैं। लोक अदालत में रियायतें देना पड़ती हैं। जबकि शहर में 30 प्रतिशत ऐसे भी उपभोक्ता हैं जो जलकर भरते ही नहीं हैं, ऑफिसर कॉलोनी जैसे कई जगहों पर निगम अमला बिल ही नहीं बांटता।
जलकर की दरों में वृद्धि के साथ शहर के जनप्रतिनिधियों व अफसरों ने पानी में भी आरक्षण का जहर घोले रखा है। भले ही सभी वर्गों पर एक समान राशि बढ़ाई गई है, लेकिन पानी पर आरक्षण को खत्म करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। सागर देश का इकलौता शहर है, जहां पानी पर आरक्षण की व्यवस्था लागू है।
48 वार्डों में 14000 से अधिक व्यवसायिक संपत्तियां हैं। इनमें से सिर्फ 125 के ही वैध कनेक्शन हैं। पार्षदों ने आरोप लगाए थे कि निगम कर्मचारियों मिलीभगत से व्यवसायिक की जगह घरेलू नल कनेक्शन प्रदर्शित किए गए हैं, क्योंकि व्यवसायिक नल कनेक्शन में ज्यादा चार्ज लगता था।
वहीं इस मिलीभगत से निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पार्षद याकृति जड़िया, देवेंद्र अहिरवार, राजकुमार पटेल, धर्मेंद्र खटीक ने जांच की मांग की, तो निगमायुक्त खत्री ने 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। 15 दिन की जगह अब 45 दिन बीत गए लेकिन सर्वे रिपोर्ट नहीं आई।
उ पभोक्ताओं को 24 घंटे पानी देने अमृत योजना के करीब 300 करोड़ रुपए सिर्फ सागर शहर में ही उड़ेल दिए गए हैं। लेकिन आज हालात ये हैं कि माह में 12-13 दिन ही नलों में पानी आ रहा है। जल सप्लाई की टाइमिंग भी निर्धारित नहीं है। कहीं सुबह 4 बजे तो कुछ क्षेत्रों में रात 2 बजे औचित्यहीन समय पर जल सप्लाई हो रही है। यह भी निश्चित नहीं है कि नल कॉन से समय पर आएंगे। (mp news)
नगर निगम परिषद की बैठक में हुए निर्णय अनुसार जलकर की बढ़ी हुई राशि के साथ उपभोक्ताओं के बिल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। लोगों को समय पर पानी मिले, इसके लिए भी टाटा एजेंसी के अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। जलकर बढ़ाने का निर्णय परिषद का है।- राजकुमार खत्री, निगमायुक्त
Published on:
13 Nov 2025 02:35 pm
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