दरअसल, सहारनपुर के जनकपुरी थाना क्षेत्र की न्यू भगत सिंह कॉलोनी में पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की कोठी है और उसी के बराबर में उनके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली की भी कोठी है। विकास प्राधिकरण के अनुसार, दोनों ही कोठियों को बनाने में नियमों की अनदेखी की गई थी। विकास प्राधिकरण ने जांच के बाद पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उनके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली को तीन-तीन नोटिस भेजे, लेकिन किसी नोटिस का भी जवाब नहीं मिला। इसके बाद प्राधिकरण की टीम ने पुलिस फोर्स के साथ सोमवार को हाजी इकबाल की कोठी के अवैध हिस्से को तोड़ दिया। बताया जा रहा कि उनके भाई महमूद अली की कोठी पूरी तरह से अवैध है। इस कोठी के कुछ हिस्से को सोमवार को गिराया गया था। वहीं मंगलवार को पूरी कोठी को जमींदोज किया जाएगा।
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मॉर्निंग पर निकले अधिवक्ता पर ताबड़तोड़ फायरिंग, सिर-सीने और पेट में लगी गोलियां 125 संपत्तियों को किया गया था चिन्हित पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उनके परिवार से जुड़ी करीब 107 करोड़ रुपये की 125 संपत्तियों की कुर्की के आदेश पूर्व में दिए गए थे। जिसके बाद से संपत्तियों को चिन्हित करते हुए कुर्क करने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। ज्ञात हो कि थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर समेत अन्य केस दर्ज होने पर एसएसपी आकाश तोमर ने एसआईटी का गठन कर जांच कराई थी। जांच के बाद हाजी इकबाल के परिजन और करीबियों के नाम वाली बेनामी संपत्तियां चिन्हित की गई थीं।
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कानपुर हिंसा में फंडिंग: बेटे के बाद पिता मशहूर बिल्डर हाजी बसी गिरफ्तार डीएम ने दिए थे संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश पुलिस जांच रिपोर्ट में चिन्हित बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश डीएम अखिलेश सिंह ने दिए थे, जिसके बाद एसएसपी आकाश तोमर ने संपत्तियों को कुर्क करने की कार्रवाई शुरू कराई थी। जिसके बाद से लगातार कुर्की की कार्रवाई की जा रही है।