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Lucknow North Assembly Seat: किसके हाथों में है लखनऊ उत्तरी विधानसभा सीट पर जीत की चाबी?

UP Assembly Election 2022: पत्रिका ग्रुप का मानना है कि जनता और समाचार पत्र के बीच सीधा-सीधा संवाद होना चाहिए, ताकि जनता के मुद्दे सरकार तक और सरकार की बातें जनता तक पहुंच सकें। राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को संवाद सेतु कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे।

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लखनऊ

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Nitish Pandey

Dec 09, 2021

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UP Assembly Election 2022: नवाबों का शहर लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक हलचल का केंद्र, वक्त के बदलाव के साथ लखनऊ में काफी कुछ बदला है। ऐतिहासिक इमारतें लखनऊ की पहचान रही हैं, लेकिन एक पहचान यहां की दौड़ती भागती सड़कों और ऊंची-ऊची इमारतों से भी है। इसी लखनऊ शहर का विधानसभा क्षेत्र है लखनऊ उत्तर यानी लखनऊ नॉर्थ, जहां का प्रतिनिध्तव करते हैं भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर नीरज बोरा, जो कि 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में यहां से विधायक चुने गए। पत्रिका का संवाद सेतु कार्यक्रम जनता की बात सरकार तक और सरकार की बात जनता तक पहुंचाने का एक माध्यम है। राजधानी लखनऊ में 10 दिसंबर, शुक्रवार को संवाद सेतु कार्यक्रम को पत्रिका ग्रुप के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध लोग एकत्र होते हैं, जिसमें जिले की कम से कम पांच प्रमुख समस्याओं पर विस्तार से चर्चा होती है।

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2017 में नीरज बोरा पर जनता ने जताया था भरोसा

विधायक नीरज बोरा ने 2017 में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अभिषेक मिश्रा को हराया था। परिसीमन के बाद वजूद में आए लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट पर 2012 में पहली बार चुनाव हुए थे। तब सपा के अभिषेक मिश्रा यहां से विधायक चुने गए थे। लेकिन 2017 में जब दोबारा विधानसभा चुनाव हुए तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जनता ने नीरज बोरा पर भरोसा जताया, जो कि पेशे से डॉक्टर हैं।

उत्तरी विधानसभा में आते हैं नगर निगम के महत्वपूर्ण इलाके

लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 3 लाख 36 हजार 77 है। इस विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम के कई महत्वपूर्ण क्षेत्र आते हैं, जिसमें डालीगंज, अलीगंज, मड़ियांव, जानकीपुरम, फैजुल्लागंज, निरालानगर, चौक, नौबस्ता, ताड़ीखाना जैसे इलाके आते हैं।

ये है जातीय समीकरण

2022 के चुनाव में भी बीजेपी का भी इस सीट पर दोबारा कब्जा करने आसान नहीं होगा। जातीय समीकरण के हिसाब से भी यह सीट उलझी है। यहां जितनी संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की है, लगभग इतने ही मुसलमान और पिछड़ी जाति के वोटर हैं। क्षत्रिय और वैश्य मतों की संख्या भी काफी है। ऐसे में सीट पर लड़ाई दिलचस्प हो सकती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस सीट पर जीत सवर्ण और पिछड़ी जाति के मतदाताओं के बिना असंभव है।

क्या है इलाके की प्रमुख समस्या ?

लखनऊ उत्तरी विधानसभा इलाके की प्रमुख समस्या कि बात करें तो पेयजल, जल निकासी की समस्या है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में सड़के टूटी हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं की भी दिक्कत है। इसके अलावा इलाके में बिजली की समस्या बड़ी है।

हर वार्ड में हुए 40-50 करोड़ रुपए के कार्य- नीरज

विधायक नीरज बोरा अक्सर दावा करते रहते हैं कि विधानसभा इलाके में आने वाले सभी वार्ड़ों में सीवेज काम पूरा किया है और सभी वार्डों को कनेक्शन भी दिया है। इतना ही नहीं विधायक नीरज बोरा कहते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में सड़कों को भी ठीक कराया है। हर वार्ड में करीब 40-50 करोड़ रुपए से विकास कार्य किए गए है। हांलकि लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर ये है कि अभी भी कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पिछले करीब साढ़े चार सालों में विकास कार्य ना के बराबर हुए हैं। कई जगहों पर सड़कों के उपर घरों से निकलने वाला पानी लगा रहता है, स्थानीय लोगों को आने-जाने में बहुत दिक्कतों को सामना करना पड़ता है।

नहीं हुआ है विकास कार्य- सुनील सिंह साजन

समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह साजन का कहना है कि लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य पिछले साढ़े सार वर्षों में नहीं हुआ है। साजन का यह भी कहना है कि अखिलेश यादव कि सरकार में लखनऊ नॉर्थ में विकास कार्य किया गया है।

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