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दशहरे के दिन गाजे-बाजे के साथ निकला चल समारोह

सत्य की शक्ति से हारा अहंकार, राम ने किया रावण संहार, दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम में हुआ मंचन, शहर के प्रमुख मार्गों से निकला चल समारोह

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सतना

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Rajesh Sharma

Oct 20, 2018

Dasara 2018 : dasara festival story in satna

Dasara 2018 : dasara festival story in satna

सतना । अधर्म पर धर्म एवं असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व विजयादशमी नगर में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। शहर के प्रमुख मार्गों से गाजे बाजे के साथ दशहरा का चल समारोह निकला। श्रीबिहारी रामलीला समाज के तत्वाधान एवं जिला-पुलिस-नगर निगम प्रशासन के सहयोग से दादा सुखेन्द्र सिंह स्टेडियम में दशहरा का मुख्य समारोह आयोजित हुआ, जिसमें राम-रावण युध्द का मंचन, शानदार आतिशबाजी - रावण के विशालकाय पुतले का दहन हुआ। इसके बाद प्रभु श्रीराम -जानकी -लक्ष्मण एवं पवनपुत्र हनुमानजी सहित मनोहारी रथ में सवार होकर नगर भ्रमण को निकले एवं विजय जुलूस निर्धारित मार्ग में भ्रमण करता हुआ रात्रि २ बजे मंदिर श्रीबिहारी जी में समाप्त हुआ। विजय जुलूस का स्वागत सम्पूर्ण नगरवारियों ने प्रभु श्रीराम की आरती -माल्यार्पण के साथ किया एवं विशिष्ट जनों ने शोभायात्रा के साथ चलकर अपनी सहभागिता की।
राम-रावण युध्द का मनोहारी मंचन
युध्द स्थल पर सर्वप्रथम प्रभुश्रीराम ने अपनी सेना के साथ प्रवेश किया। महंत बृजेन्द्र दुबे एवं व्यास अरुण परौहा व्दारा प्रस्तुत मनोहारी चौपाईयों ने सम्पूर्ण मैदान को राममय कर दिया। मंचन अंतर्गत रावण ने रामादल में भय की स्थिति व्याप्त कर दी। श्रीराम एवं लक्ष्मण के साथ हनुमान , विभीषण, सुग्रीव, अंगद ने रावण को चुनौती दी। राम-रावण की सेनाओं के मध्य संग्राम हुआ। युध्द गीता के माध्यम से श्रीराम ने सम्पूर्ण विश्व को धर्म का संदेश दिाय। रामलीला के कलाकारों के उत्कृष्ट अभिनय एवं संवादों के साथ सम्पूर्ण मैदान में श्रीराम जयकारों के मध्य श्रीराम ने रावण की नाभि में तीर मारा। रावण को वीरगति प्राप्त होने पश्चात नए आतिशबाज व्दारा शानदार आकाशीय आतिशबाजी प्रस्तुत की गई। युध्द मैदान में अहंकार के प्रतीत रावण के विशाल पुतले का दहन किया गया। पुतला दहन होने ही सम्पूर्ण स्टेडियम पटाकों की गूंज एवं श्रीराम की जयकारों से गूंज उठा।
शोभायात्रा मार्ग में स्वागत
प्रभुश्रीराम के स्वागत के लिए सम्पूर्ण मार्ग में स्वागत के लिये होड़ लगी रही। सभी नगरवासी प्रभु श्रीराम का माल्यार्पण कर स्वागत के लिए आरती-प्रसाद लिये दर्शन को आतुल रहे। अग्रवाल समाज, मारवाड़ी समाज, जैन समाज, गुजराती समाज, कम्पनी बाग, बिहारी चौक, नवदुर्गा चौक, पुरानी गल्ला मंडी सहित विभिन्न दुर्गा पंडालों एवं मंदिर में प्रभु श्रीराम की आरती पूजा की गई।
भरत से मिले भगवान श्रीराम
दशहरा पर्व के पश्चात २० अक्टूबर शनिवार की रात्रि पन्नीलाल चौक में भरत मिलाप का मंचन हुआ। प्रभु श्रीराम से मिलने भरत -शत्रुघन गुरु वशिष्ष्ठ सहित आये। भरत एवं राम का मिलन देख दर्शकों की आंखे छलक उठी। चारों भाइयों का आमजन के साथ पन्नीलाल चौक व्यपारी संघ ने भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम पश्चात सभी भाई गुरु वशिष्ट एवं पवन पुत्र हनुमान जी बिहारी जी मंदिर पहुंचे एवं कार्यक्रम का समापन हुआ।
डालीबाबा रामलीला में भरत मिलाप आज
डालीबाबा रामलीला समाज व्दारा भरत मिलाप व रामराज्याभिषेक से डालीबाबा में होगा। मंदिर महंत प्रियांशु महाराज ने बताया कि डालीबाबा रामलीला मंच में भरत मिलाप कार्यक्रम के साथ श्रीरामराज्याभिषेक कार्यक्रम होगा। डालीबाबा समाज व्दारा कलाकारों व सहयोगियों का सम्मान किया जाएगा। इस मौके पर शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
विविध रुप में झांकियां निकली
इसवर्ष दशहरा के दिन पिछले साल की अपेक्षा विविध झांकियां रही। रात 9 बजे से शहर में जिले के देवी भक्त दुर्गा माता की झांकियों को देखने आ गये थे। पुलिस की व्यवस्था नहीं रही जिस कारण कई प्रमुख चौराहों में मारपीट की घटनाएं भी हुई। दुर्गा प्रतिमाओं के साथ भक्त देवी गीत गाते जा रहे थे। देर रात तक मूर्तियों का विसर्जन सतना नदी, माधव गढ़ नदी समेत शहर के आसपास स्थित नदियों में लोग सुबह तक करते रहे।
दूसरे दिवस भी मूर्ति विसर्जन
शहर के दशहरा के दूसरे दिवस २० अक्टूबर को दिन भर जिले के ग्रामीण इलाकों से झांरियों को निकाला गया। दोपहर से सांम तक निकलने वाली झांकियों शहर के आसपास स्थित नदियों में विसर्जित की गई, वहीं रात ८ के बाद जिले के प्रमुख दुर्गा मां की झांकियां निकाली गयी। दूसरे दिवस भी शहर में दुर्गा प्रतिमाओं के साथ लाईटिंग की सजावट देखने वालों की अधिक संख्या रही। दूसरे दिवस अधिकतर शहर के लोग रहे।