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प्रणामी समाज की अनोखी पहल, कार्यक्रम के दौरान ये चीजें हुई प्रतिबंधित

प्रणामी समाज के कार्यक्रमों में थर्माकोल, डिस्पोजल, पॉलिथीन प्रतिबंधित,पर्यावरण सुरक्षा के लिए लिया निर्णय, दिये स्टील के बर्तन, थाली में भोजन न छोडऩे का लिया संकल्प

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सतना

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Rajesh Sharma

Aug 25, 2018

Polythene ban in satna pranami samaj Programs

Polythene ban in satna pranami samaj Programs

सतना। पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में शहर के प्रणामी समाज ने फैसला लिया है कि अब पुरानी सब्जी मंडी स्थित प्रणामी मंदिर में समाज के आयोजनों में होने वाले भोज आदि कार्यक्रमों में थर्माकोल, प्लास्टिक के बर्तनों (डिस्पोजल) और पॉलिथीन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। अन्य समाजों के जो कार्यक्रम यहां होंगे, उनमें भोजन का स्वल्पहार आदि के लिए समाज नि:शुल्क स्टील बर्तन उपलब्ध कराएगा, किन्तु आयोजकों को सफाई स्वयं करानी होगी अथवा सफाई कारने का शुल्क देना होगा। प्रणामी मंदिर के महंत स्वामी परमानंद महाराज ने समाज के प्रेमीभाव सुन्दरसाथ से इसे कार्यरूप में लाने में सहयोग करने की अपील की है।
बर्तनों का किया गुप्तदान :
प्रणामी समाज के कुछ लोगों ने बर्तनों का गुप्त दान कर के इस अभियान में सभी से जुडऩे की अपील की है। ज्ञात हो कि प्रणामी समाज प्रारंभ से पर्यावरण को बचाने को लेकर पौध रोपण के साथ -साथ सफाई अभियान में हिस्सा लेता आ रहा है। प्रणामी महिला समिति की वयोवृद्ध उर्मिला खुराना ने समाज के प्रबुद्धजनों से इस अभियान में सहयोग करने के साथ जन-जन को जागृत करने की अपील की है। उन्होने कहा कि हमारे समाज की माताएं हर क्षेत्र में साजाजिक कार्य करती आ रही हैं।
दोना-पत्तल व बर्तन का उपयोग करें :
श्रीराधाकृष्ण प्रणामी मंदिर के प्रबंधक देवेन्द्र प्रणामी ने बताया कि हमारे प्रणामी समाज में आज से कई वर्ष पहले से पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए बर्तनों एवं दोना -पत्तल का उपयोग भंडारे व अन्य सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम में करते आ रहे हैं। आने वाले दिनों में समाज के होने वाले आयोजनों में थर्माकोल, डिस्पोजल, पॉलिथीन का उपयोग न करने का संल्प लिया है। जिसका समाज के सभी लोग पालन करेंगे। ज्ञात हो कि मंदिर में होने वाले आयोजनों के बाद कई बार भक्त मंदिर परिषर में फेंक जाते थे।
भवन परिसर में धूम्रपान पर प्रतिबंध :
प्रणामी मंदिर के मैनेजर पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि मंदिर कि सुन्दरता व स्वच्छता को देखते हुए मंदिर परिसर में धूम्रपान पूरी तरह प्रतिबंधित है। पुरुषोत्तम शर्मा का कहना है कि पूर्व में मंदिर परिसर में बाहर से आने वाले सुन्दरसाथ द्वारा मंदिर परिसर में धूम्रपान किया जाता था जिससे मंदिर परिसर में गंदगी होती थी। मंदिर परिसर में पौध रोपण चलाया जाएगा। प्रणामी समाज द्वारा सभी निर्णय पर्यावरण सुरक्षा को देखते हुए लिए गये हैं।