सतना में मंगलवार को सैलाब आ गया। हवाई अड्डे रोड पर स्थित नारायण तालाब की दीवार ढहने से बहे पानी ने शहर को डुबो दिया। मकानों में पानी भर गया, वाहन बह गए। तालाब के पानी से निचली बस्तियां डूब गईं और यहां के कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
दुर्घटना के लिए तालाब के सौंदर्यीकरण का काम कर रही भोपाल की ठेका कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
सतना स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम कंपनी को करीब 8 करोड़ 66 लाख रुपए में दिया था। ठेका कंपनी को 2 सितंबर 2021 को वर्क आर्डर जारी किया गया था।
अनुबंध की शर्त के अनुसार, ठेका कंपनी को यह प्रोजेक्ट 18 महीने में पूरा करना था यानि काम मार्च 2023 में पूरा हो जाना था लेकिन यह अवधि गुजरने के 18 माह बाद भी प्रोजेक्ट का काम अधूरा है। ठेकेदार की लापरवाही से पिछले 3 सालों से यह तालाब सूखा पड़ा था। इस साल तालाब में पानी भराया तो यह फूट गया और सैकड़ों लोगों की गृहस्थी बर्बाद हो गई। जिम्मेदार अधिकारी अब तालाब फूटने के मामले की जांच की बात कह रहे हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी में नए जिले के लिए छोड़ दी पार्टी, जानिए बागी विधायक को किस बात का है इंतजार इधर हादसे के बाद सतना सांसद गणेश सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा है कि नारायण तालाब के अचानक टूट जाने से निचली बस्तियों में मकानों को जो क्षति पहुंची है उसका तत्काल सर्वे कराया जाएगा। उन्होंने कलेक्टर को उन गरीबों को आरबीसी एक्ट के तहत मुआवजा देने का अनुरोध किया जिनका इस हादसे में नुकसान हुआ है। सांसद गणेश सिंह ने तालाब ढहने के मामले की जांच कराने की भी बात कही है।
सतना के लोगों का साफ कहना है कि इस हादसे के लिए नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है। लोगों ने कहा कि नारायण तालाब 70 साल पुराना है लेकिन इसकी मेढ़ आज तक नहीं टूटी थी। तालाब के सौंदर्यीकरण का काम कर रही कंपनी की लापरवाही के कारण सालों पुराना यह तालाब ढह गया। लोगों ने आरोप लगाया कि कंपनी के लोगों ने जानबूझ कर तालाब काटा। इधर हादसे के बाद तालाब की टूटी मेढ़ को सुधारा गया है।