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चीतल के शिकार में काम ली गई थी अवैध बंदूकें

शिकारियों की निशानदेही पर कण्डूली नदी के पास काचला स्थित जंगल से बरामद किए थे दोनों हथियारफलौदी रेंंजर ने खण्डार थाने में दर्ज कराया आर्मस एक्ट का मामला

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चीतल के शिकार में काम ली गई थी अवैध बंदूकें

चीतल के शिकार में काम ली गई थी अवैध बंदूकें

सवाईमाधोपुर.रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में चीतल के शिकार में शिकारियों ने टोपीदार अवैध बंदूके काम में ली है। इस संबंध में फलौदी रेंजर ओमप्रकाश ने शनिवार को खण्डार थाने में शिकारी सुनेफ उर्फ काडू व असरार के खिलाफ आर्मस एक्ट में मामला दर्ज कराया है। खण्डार थानाधिकारी भरतसिंह ने बताया कि दर्ज रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों आरोपियों ने शिकार में बिना लाइसेंस की अवैध बंदूकों का उपयोग किया था। दोनों अवैध बंदूंके देशी टोपीदार एक नाली की है।
झाडियों में छुपा रखी थी बंदूके
पुलिस ने रेंजर ने रिपोर्ट में बताया कि शिकारियों ने कण्डूली नदी के पास काचडा स्थित झाडीनुमा जंगल में बंदूकों को छुपाया था। आत्मसमर्पण के दौरान शिकारियों की निशानदेही पर बंदूकों को जप्त किया गया है।
शिकारी लादेन के बाद ही होगा पूरे मामले का खुलासा
चीतल शिकार का मुख्य सरगना शिकारी लादेन है। वनाधिकारियों ने बताया कि अभी वह फरार चल रहा है। उसकी शीघ्र गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। शिकारी लादेन की गिरफ्तारी के बाद ही पूरे शिकार प्रकरण का खुलासा हो सकेगा। शेष शिकारियों की गिरफ्तारी के लिए वनविभाग की ओर से संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।
इनका कहना है....
शिकारियों से पूछताछ की जा रही है। उनके खिलाफ आर्मस एक्ट में मामला दर्ज कराया गया है। जल्द ही अन्य आरोपियों को भी पकड़ा जाएगा।
- संजीव शर्मा, एसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।