23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डॉक्टर की जगह डॉग्स लगा रहे हैं लंग कैंसर का पता, जानें क्या है पूरी जानकारी

डॉग्स सूंघ कर बता सकते हैं लंग कैंसर है या नहीं ? अमरिका के फ्लोरिडा में रिसर्च किया। डॉग्स की नाक 10,000 गुना ज्यादा तेज होती है।

2 min read
Google source verification
lungs

डॉक्टर की डॉग्स लगा रहे हैं लंग कैंसर का पता, जाने क्या है पूरी जानकारी

नई दिल्ली- किसी भी बीमारी का इलाज डॉक्टर करते हैं। लेकिन क्या आपने सुना है कि डॉग्स (dogs ) भी आपके अंदर की बीमारी को सूंघ कर बता सकते हैं। एक नई रिसर्च में सामने आया है कि डॉग्स आपके फेफड़ों में होने वाले कैंसर को सूंघ कर बता सकते हैं।

फ्लोरिडा ( Florida ) में हुई रिसर्च में चार डॉग्स को लिया गया था। जिसमें इनके आगे खून के नमूनों को रखा गया जिससे यह पता लगाया जा सके कि फेफड़ों में कैंसर( cancer ) है या नहीं। ऐसा माना जाता है कि डॉग्स के द्वारा सूंघ कर बताई गई बीमारी 97 फीसदी तक सच साबित होती है। सवाल ये है कि क्या उनकी मदद से नए टेस्ट विकसित किए जा सकते हैं?

डॉग्स सूंघ कर पता लगा सकतें हैं कैंसर

अमेरिका (AMRICA ) शहर के ऑरलैंडो में सोसाइटी (SOCITY ) फॉर बायोकेमिस्ट्री एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की हर साल होने वाली मीटिंग में यह शोध पेश किया गया था। जिसमें बीगल प्रजाति के चार डॉग्स के सामने इंसान के खून के कई नमूने रखे गए थे। चारों डॉग्स की उम्र दो साल थी। एक ने नमूनों को सूंघने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। लेकिन बाकी तीन ने सभी सैंपलों को सूंघा और भौंक कर बता दिया कि किस सैंपल में लंग कैंसर के सबूत हैं। 96.7 फीसदी मामलों में नतीजा बिल्कुल सटीक निकला। यह रिसर्च फ्लोरिडा की फार्मास्यूटिकल लैब बायोसेंटडीएक्स ने की है।

इंसानों से ज्यादा तेज होती है सूंघने की श्रमता

वैज्ञान की माने तो इंसान की तुलना में डॉग्स की नाक 10,000 गुना ज्यादा तेज होती है। इस बात को हर कोई जानता है कि डॉग्स ड्रग्स और विस्फोटकों को सूंघ कर पता कर लेते हैं। लेकिन 96.7 फीसदी सटीकता से कैंसर का पता लगाना, यह जानकारी पहली बार सामने आई है। शोध की हेड हीथर जनक्वेरा के मुताबिक कैंसर के अन्य मामलों का पता लगाने के लिए भी इस शोध की मदद ली जा सकती है। जल्दी पता लगने पर कैंसर के रोगियों के बचने की संभावना ज्यादा होती है।

जनक्वेरा कहती हैं, "यह काम उत्साहित करने वाला है क्योंकि यह रिसर्च के दो अहम रास्ते खोलता है। दोनों के जरिए कैंसर का जल्द पता लगाने वाले टूल्स बनाए जा सकते हैं। एक में कैंसर की पहचान के लिए कैनिन की गंध पकड़ी जाती है। दूसरे में खून के बायोलॉजिक कंपाउंड्स में आए बदलाव को डॉग्स पकड़ लेते हैं। इन कंपाउंड्स का इस्तेमाल कैंसर का पता लगाने वाले टेस्टों में किया जा सकता है।"