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वैज्ञानिकों ने अवशेषों से बनाया असली चेहरा, 1 हजार साल पहले हुई थी महिला की मौत

Published: Nov 04, 2019 04:45:48 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने किया कमाल

SCIENCE

नई दिल्ली: आज के दौर में साइंस ने काफी तरक्की कर ली है। चांद से लेकर धरती तक कई ऐसे रहस्य वैज्ञानिक सुलझा चुके हैं, जिन्हें जानकर कई बार आश्चर्य होता है। ऐसा ही कुछ इस बार भी वैज्ञानिकों ने करके सबको चौंका दिया है। दरअसल, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक महिला वाइकिंग के अवशेषों से उसका चेहरा बनाया है। माना जा रहा है कि महिला आज से 1 हजार साल पहले ठीक वैसी ही दिखती होगी जैसा वैज्ञानिकों ने चेहरा बनाया है।

कई सालों पहले वाइंकिग्स हुआ करते थे, जिनका साम्राज्य लूट-पाट से चलता और बढ़ता था। वाइकिंग समुदाय में महिलाएं और पुरुष दोनों लूट करते थे, जिसके लिए वो लंबे वक्त तक अपने घरों से दूर रहते थे। वाइकिंग्स को बेरहम खूनी लूटेरे माना जाता है। नार्वे में इसी समुदाय की एक महिला के अवशेष मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने उसका चेहारा दोबारा से बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला वाइकिंग के अवशेष नॉर्वे के सोलर में मोजूद वाइकिंग ग्रेवयार्ड में मिले, जिसे अब ओस्लो के ‘म्यूजियम ऑफ कल्चरल हिस्ट्री’ में सजा कर रखा जाएगा।

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साथ ही कब्र से वैज्ञानिकों को कंकाल के अलावा तीर, तलवार, भाला और कुल्हाड़ी समेत कई घातक हथियार भी मिले। बताया जा रहाहै कि इनका इस्तेमाल वाइकिंग्स लूट के दौरान करते थे। वैज्ञानिकों को महिला की खोपड़ी में एक गहरे घाव का निशान मिला, जो उसके माथे पर है। आर्कियोलॉजिस्ट एला अल-शामही ने ‘द गार्जियन’ को बताया कि ग्रेवयार्ड से मिले अवशेषों को शुरुआत में ही महिला का मान लिया गया था। लेकिन उसकी कब्र को योद्धा की कब्र नहीं माना जा रहा था क्योंकि वह एक महिला की थी। वहीं एला अल-शामही ने बताया कि ये साफ नहीं है कि माथे कि उस गहरी चोट के कारण ही महिला की मौत हुई है।

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