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वैज्ञानिकों ने विकसित किया सबसे छोटा स्टेंट, हृदय संबंधित बीमारियों में मिलेगी मदद

Published: Aug 11, 2019 03:32:22 pm

Submitted by:

Shivani Singh

वैज्ञानिकों ने बनाया सबसे छोटा स्टेंट
मौजूदा स्टेंट से 40 गुना है छोटा
हृदय और भ्रूण मूत्रनली की शिकायतों मिलेगा मदद

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नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक नया कारनामा कर दिखाया है। कई वैज्ञानिकों ( scientist ) ने मिलकर सबसे छोटा स्टेंट ( scientists develop stent ) विकसित किया है। यह स्टेंट मौजूदा स्टेंट से 40 गुना छोटा है। इसकी वजह से हृदय और भ्रूण मूत्रनली में सिकुड़न की शिकायत दूर हो जाएगी।

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स्विट्जरलैंड के फेडरल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इस स्टेंट का इस्तेमाल हृदय की बंद पड़ी धमनियों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा यह स्टेंट भ्रूण की मूत्र नली में सिकुड़न की शिकायत को भी दूर करने में मदद करता है।

बता दें कि भ्रूण की मूत्र नली हृदय धमनियों के मुकाबले बहुत संकरी होती हैं। हजार में से एक बच्चों को मूत्रनली में सिकुड़न की शिकायत होती है। कई बार ऐसा पाया गया है कि मूत्र नली में सिकुड़न की शिकायत गर्भस्थ शिशु में भी देखने को मिलती है।

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ऐसे में मूत्राशय में मूत्र के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्सी को काट के अलग कर दिया जाता है और बाकी बचे हिस्सों को फिर से जोड़ देते हैं। शोधर्ताओं की माने तो गर्भस्थ शिशु की धमनी या नली में आई सिकुड़न को दूर करने के लिए स्टेंट लगाए जा सकते हैं। इससे गुर्दें को कम नुकशान पहुंचता है।

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