प्रोफेसर ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इनमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। खास बात यह है कि इनके साथ कई अन्य सक्रिय फॉल्ट्स इस सिस्मिक गैप से जुड़े हुए हैं, इसलिए यहां तबाही का खतरा ज्यादा है।
दिल्ली-एनसीआर में मौजूद सारे फॉल्ट्स हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट से भी सटे हुए हैं। ऐसे में हिमालय के टेक्टोनिक प्लेट (Tectonic Plates) में होने वाले बदलावों की वजह से यहां झटके लगते रहते हैं। हिमालय के नीचे लगातार हो रही हलचल से धरती पर दबाव बढ़ता है। इससे भूकंप आते हैं। 29 मई को रोहतक में आया 4.6 तीव्रता का भूकंप इसी के कारण आया था।