कंपनी ने इसके लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है। हर साल बिजली कंपनी रबी सीजन में शेड्यूल बनाती है। इस बार भी शेड्यूल बनाया है। इसमें किसानों को सिंचाई करने 24 घंटे में से सिर्फ 10 घंटे ही बिजली दी जाएगी। यह बिजली भी दो शिफ्ट में दी जाएगी। इधर, किसानों का कहना है कि इसी सीजन में उनको बिजली की सबसे अधिक जरूरत लगती है, 10 घंटे से ज्यादा बिजली मिलना चाहिए, तभी फसल में समय पर सिंचाई कार्य होगा।
तीन लाख हेक्टयेर में हुई बोवनी
कृषि विभाग के अनुसार जिले में तीन लाख 94 हजार हेक्टेयर में रबी की बोवनी होना है। अक्टूबर महीने के तीसरे सप्ताह से किसानों ने बोवनी शुरू कर दी थी, जिससे अब तक करीब तीन लाख हेक्टेयर में बोवनी कार्य पूरा हो गया है। सबसे अधिक दो लाख 75 हजार हेक्टेयर में गेहूं और 56 हजार हेक्टेयर में चने की बोवनी हुई है। कई किसान लगातार इस काम में लगे हुए हैं, जिससे नवंबर अंत तक शत प्रतिशत बोवनी होने का अनुमान है।
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यूरिया खाद नहीं मिल रहा
जिले में लगातार खाद आने की बात कही जा रही है, लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है उसकी हकीकत भटकते किसान बता रहे हैं। एनपीके, डीएपी खाद तो मिल रहा है, लेकिन यूरिया का संकट बरकरार है। कई जगह सोसायटी के साथ बाजार की दुकानों से तक यूरिया खाद नहीं मिल रहा है। इससे किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। किसानों ने बताया कि गेहूं की बोवनी कर दी है और जल्द ही फसल में पहली सिंचाई करते समय यूरिया की आवश्यकता लगेगी।यूरिया नहीं मिला तो सिंचाई कार्य प्रभावित होगा।
फसल लक्ष्य
गेहूं 316200
चना 70000
मसूर 7000
मटर 200
सरसों 500
गन्ना 120
(नोट: बोवनी लक्ष्य हेक्टेयर में।)
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70 प्रतिशत से अधिक बोवनी
जिले में बोवनी कार्य में किसान निरंतर जुटे हुए हैं। इस समय 70 प्रतिशत से अधिक बोवनी कार्य हो भी गया है। इसमें अब तक गेहूं और चने की बोवनी सबसे अधिक हुई है।
-आरएस जाट, एडीडीए कृषि विभाग सीहोर
-एसएल नरेड़ा, एसी बिजली कंपनी सीहोर