
यहां मोबाइल से बात करने के लिए चढ़ाना पड़ता है पहाड़
सेंधवा/ पाटी. जिले के सबसे पिछड़े विकास खंड पाटी के उबादगड़ गांव में आजादी के 75 साल के बाद भी नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालात ये है कि गांव में रहने वाले लोगों को फोन पर बात करने के लिए कई किमी दूर पहाड़ चढ़कर जाना पड़ता है। गांव में किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क नहीं चलता।
मोबाइल है, लेकिन नहीं मिलता नेटवर्क
गांव में रहने वाले सभी परिवारों के पास मोबाइल फोन हैं, लेकिन लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल ज्यादातर डाउनलोड वीडियो देखने व सुनने के लिए करते हैं। मोबाइल में किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं आता, इसकी वजह से ग्रामीण परेशान हैं। यह गांव अगर गांव में किसी प्रकार की कोई घटना हो जाए तो ग्रामीणों को पुलिस को इसकी सूचना देने के लिए ऊंची पहाडयि़ों पर चढ़कर कई किमी दूर जाना पड़ता है। ऐसे में गांव में मोबाइल नेटवर्क का होना और भी ज्यादा जरूरी है, लेकिन हैरानी इस बात की है कि किसी भी सरकार ने उबादगड़ गांव में मोबाइल नेटवर्क शुरू करने की पहल नहीं की। इस समस्या को लेकर ग्रामीण मंगलवार जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचे और जनपद सीईओ को आवेंदन देकर गांव में टावर लगाने की मांग की।
टावर लगाने की मांग पर सौंपा ज्ञापन
ग्रामीण दुरसिंह ने बताया कि गांव में टावर लगाने की मांग लेकर जपं सीईओ के पास आए थे। यहां पर सीइओ को आवेदन देकर टावर लगाने की मांग की है। गांव में टावर नहीं होने से विभिन्न प्रकार की समस्या आती है। उधर, कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने विकासखंड के ऐसे ग्राम जहां पर नेटवर्क की समस्या हो रही है। उन ग्रामों का चयन कर मोबाइल टावर लगाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
इमरजेंसी वाहन बुलाना मुश्किल
कोई बीमार हो जाता है, तो इमरजेंसी वाहन बुलाने के लिए पहाड़ पर चढऩा पड़ता है। ग्रामीण दित्या ने बताया कि हमें गांव में टावर चाहिए। क्योंकि गांव में टावर नहीं होने से कोई बीमार हो जाता या फिर गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाना पड़ता है, तो इमरजेंसी वाहन को बुलाने के लिए फोन लगाने में बहुत दिक्कत आती है। वर्तमान में इन समस्याओं के बीच जंगल में पहाड़ी चढ़कर जाना पड़ता है। वहां पर नेटवर्क मिलता है। साथ ही पंचायत में सभी काम ऑनलाइन होते हैं, लेकिन हमारे गांव में टावर नहीं होने से कोई काम नहीं होता है। साथ ही ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की जानकारी भी गांव के लोगों को उपलब्ध नहीं होती। इससे ग्रामीण शासन की योजनाओं से भी कभी वंचित हो जाते हैं।
Updated on:
17 Dec 2021 02:08 pm
Published on:
17 Dec 2021 02:06 pm
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