बारिश बंद होने के बाद किसान खेतों में जुटे
सिवनी. जिले में तीन दिनों से थमी बारिश के बाद किसान खेतों में जुटे हुए हैं। अच्छी फसल के लिए जतन कर रहे हैं। खाद का छिडक़ाव किया जा रहा है। इस बार तिलहन फसल पर किसानों का विशेष फोकस रहा है। जबकि मक्के का रकबा थोड़ा घटा है। अधिकतर किसान बोवनी के बाद बारिश की राह देख रहे थे। इस बार जिले के अधिकतर हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। हालांकि कई जगह ज्यादा बारिश होने से किसानों के खेतों में जलभराव भी हो गया था। इससे किसान चिंतित थे, लेकिन अब बारिश बंद होने के बाद किसानों को प्रर्याप्त मौका मिल गया है। वे खेतों में अपने फसलों में खाद का छिडक़ाव कर बेहतर उत्पादन के लिए तैयार कर रहे हैं। इस साल कृषि को लेकर कोई बड़ा परिवर्तन नहीं दिख रहा है। रबी सीजन में जिन किसानों को नुकसान हुआ था उन्होंने ही इस बार अलग हटकर खेती की है या फिर तिलहन फसलों पर जोर दिया है।
जिले में 4.53 लाख हेक्टेयर में बोवनी
खरीफ सीजन में इस साल लगभग 4.53 लाख हेक्टेयर में बोवनी की गई है। जबकि पिछले साल का रकबा भी लगभग इतना ही था। उड़द का रबका 12 हजार एवं मूंक का रकबा पांच हजार हेक्टेयर बढ़ गया है। वहीं मक्का की रकबा की बात करें तो रकबा पिछले साल की अपेक्षा पांच हजार हेक्टेयर घटा है। दरअसल कई किसानों ने दोबारा मक्का के फसल की बोवनी कर दी थी। इसलिए रकबा घट गया है।
इस बार खरीफ सीजन में बोवनी का था लक्ष्य
जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष खरीफ सीजन में दो लाख हेक्टेयर में धान की बोवनी हुई थी। इस बार भी लगभग उतनी ही है। वहीं मक्का की बात करें तो इस बार 1.80 लाख हेक्टेयर में बोवनी की गई है। पिछले वर्ष 1.88 हेक्टेयर में हुई थी। वहीं दलहन इस बार 47 हजार हेक्टेयर एवं तिलहन की 18 हजार हेक्टेयर में बोवनी की गई है।