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पंजीयन न होने से किसान चिंतित

मात्र 22 दिन ही हुए मक्का पंजीयन

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बाजरे की फसल।

सिवनी. वर्तमान में जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 अंतर्गत उपार्जन के लिए पंजीयन का कार्य विधिवत सुचारू तौर पर जिले के निर्धारित 82 केंद्रों में 30 अक्टूबर को रात्रि 08 बजे तक गतिशील थाए पंजीयन प्रक्रिया में कुछ किसान विभिन्न समस्याओं के कारण वर्तमान में भी पंजीयन से वंचित है।
किसान युवा नेता मुकेश संजय सोनी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, कपास, तिल और रामतिल उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए फसल पंजीयन कार्य अवधि तीन अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2019 (कुल 27 दिवस) नियत की गई थी। जिसमें से पांच दिवस रविवार सहित अन्य शासकीय अवकाश के कारण पोर्टल बन्द रहा। ऐसे में मात्र 22 दिन ही किसानों को पंजीयन कराने की पात्रता दी गई। जिसमें 80 प्रतिशत किसानों ने तो पंजीयन करा लिया लेकिन अभी भी लगभग 20 प्रतिशत किसान पंजीयन करा नहीं पाए हैं।
बीते दिवस राज्य शासन द्वारा खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय भोपाल, मध्यप्रदेश के माध्यम से जारी पत्र के तहत किसान पंजीयन अवधि को फसल धान, ज्वार, बाजरा के लिए छह नवम्बर 2019 तक बढ़ा दिया गया है।
इस पत्र में मक्का, सोयाबीन सहित अन्य फसलों के पंजीयन अवधि बढऩे का उल्लेख नही है जिसके कारण जिले के प्रत्येक केंद्रों में मक्का पंजीयन से वंचित किसान पंजीयन कराने के लिए चक्कर काट रहे हैं। किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए पंजीयन की तिथि बढ़ाने का प्रयास करें ताकि वंचित किसानों का पंजीयन हो सके।