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सिवनी

शिक्षा समय पर नहीं हुआ सुधार तो जान जोखिम में डालकर पढ़ेंगे बच्चे

– टूटे फर्श-उधड़ी छत के नीचे पढ़ेंगे नौनिहाल
सरकारी स्कूल जर्जर जिले में
– जिले में 128 प्राथमिक व 49 माध्यमिक स्कूल जर्जर

सिवनीMay 21, 2024 / 07:38 pm

sunil vanderwar

शासकीय प्राथमिक शाला रायखेड़ा का जर्जर भवन

शासकीय प्राथमिक शाला रायखेड़ा का जर्जर भवन

सिवनी. जिले में 749 माध्यमिक व 2097 प्राथमिक स्कूल संचालित हैं। इनमें से 128 प्राथमिक स्कूल भवन बदहाल हो चुके हैं। वहीं 49 माध्यमिक शाला भवनों की स्थिति जर्जर है। जर्जर स्कूल भवनों का समय पर सुधार नहीं हुआ तो फिर नए शिक्षा सत्र में नन्हें बच्चों को जान जोखिम डालकर जर्जर भवनों में पढऩे के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिले के कई स्कूल डिस्मेंटल करने योग्य हो गए है। पिछले कई वर्षों से इन स्कूलों की मरम्मत का प्रस्ताव विभाग को भेजा जा रहा है। इसके बावजूद स्कूलों को मरम्मत के लिए राशि उपलब्ध नहीं हुई है। इस साल फिर जिला शिक्षा केंद्र ने राज्य शिक्षा केंद्र को नए स्कूल भवन, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण और स्कूलों में शौचालय निर्माण कार्य कराए जाने का प्रस्ताव भेजा है।

हो सकता है हादसा-
454 ऐसे प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल भवन हैं जिनमें सुधार कार्य होना जरूरी है। बिना सुधार स्कूल भवनों में यदि कक्षाएं लगाई गई तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
शासन के निर्देशों का पालन करना जरूरी

जिले के कुरई, घंसौर, लखनादौन, केवलारी समेत कई क्षेत्रों में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल की कक्षाएं जर्जर भवनों में संचालित होती रही हैं। वर्षा के दौरान इन भवनों में पढऩे वाले छात्रों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि जिले में अधिकांश स्कूल भवन ऐसे हैं जहां शिक्षा ग्रहण करना किसी जोखिम से कम नहीं हैं। वहीं कुछ स्थानों पर नया स्कूल भवन बन जाने के बाद उसी भवन के पास बने पुराने अति जर्जर भवनों को डिस्मेंटल नहीं किया गया है। ऐसे में जर्जर भवन के पास बच्चो के खेलने से भी हादसे की आशंका बनी रहती है। हालात यह है कि इन स्कूल भवनों में स्कूल लगाना संभव नहीं है। यदि इन स्कूल भवनों की जल्द मरम्मत नहीं की गई तो यहां स्कूल लगने के दौरान हमेशा हादसे का डर बना रहेगा।
-मरम्मत योग्य स्कूल भवनों में मरम्मत कार्य के साथ शौचालयों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा गया है।प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलते ही जुलाई माह में कक्षाएं शुरू होने के पूर्व कार्य कराने के प्रयास किए जाएंगे।ताकि बिना जोखिम व परेशानियों के बच्चे पढ़ाई कर सकें। महेश बघेल, डीपीसी सिवनी
-निरीक्षण के दौरान देखने में आया है कि कहीं-कहीं स्कूलों में सुधार की जरूरत है। इसके लिए शासन को पत्र लिखकर मरम्मत के लिए जरूरी राशि स्वीकृति की मांग की गई है। राशि जारी होने पर जरूरी कार्य अवश्यक कराए जाएंगे। नए शिक्षण सत्र के पहले काम कराने का प्रयास है।
– एसएस कुमरे, डीईओ सिवनी


एक्सपर्ट व्यू
शासकीय स्कूलों पर शासन हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। जिससे कुछ बदलाव तो आया है, लेकिन अब भी ग्रामीण अंचल में ऐसे स्कूलों की काफी संख्या है, जिनमें बिजली, पानी, सफाई, भवन और सुरक्षा जैसे जरूरी इंतजाम नहीं हैं। शासन को इनको बेहतर बनाने के लिए भी प्रयास करना चाहिए।
राजेन्द्र ठाकुर, जनसेवी नागरिक

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