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जिले में अवैध शराब बिक्री का गजब खेल, ढाबों के साथ किराना दुकानों में भी मिल रही

शाम होते ही लग रही लाइन, व्यवस्थाओं पर उठ रहा सवाल, महिलाएं कर चुकी हैं प्रदर्शन

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सिवनी. जिले में अंग्रेजी एवं देशी शराब धड़ल्ले से गांव-गांव में बेची जा रही है। ढाबों के साथ अब किराना दुकानों में भी शराब आसानी से मिल जा रही है। हैरानी की बात यह है कि यह खेल काफी दिनों से चल रहा है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार आंख बंद करके बैठे हुए हैं। बीते 2 दिसंबर को लखनादौन विकासखंड के ग्राम पंचायत देवरीकलां में अवैध शराब बिक्री को लेकर महिलाओं ने सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन किया था। एसडीएम रवि सिहाग से मिलकर भी गुहार लगाई थी। महिलाओं का कहना था कि क्षेत्र में किराना दुकानों में भी अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से की जा रही है। शाम होते ही किराना दुकान में शराब लेने वालों की लाइन लग जाती है। इन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं है। बच्चे भी शराब के आदी हो रहे हैं। इसके बावजूद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। शराब बिक्री की वजह से गांव का माहौल खराब हो रहा है। परिवार में झगड़े हो रहे हैं। नशाखोरी को बढ़ावा मिल रहा है। बता दें कि एक माह में चौथी बार महिलाओं को अवैध शराब बिक्री को लेकर सडक़ पर उतरना पड़ा है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में गांव-गांव में शराब बेचे जाने से बड़ों से लेकर बच्चे भी इसके जद में आ रहे हैं। बीते 18 नवंबर को चमारीखुर्द की महिलाएं दूसरी बार जिला मुख्यालय में कलेक्टर को शराबबंदी की मांग को लेकर गुहार लगाने पहुंची थी। चमारीखुर्द से सिवनी की दूरी लगभग 60 किमी है। महिलाओं का कहना था कि ग्राम में शराब बनाकर बेची जा रही है। इसे लेकर आवेदन भी दिया गया और आंदोलन भी किया गया, लेकिन ग्राम में शराब बिक्री पर रोक नहीं लग पाई। ऐसे में गांव व घर का माहौल खराब हो रहा है। महिलाओं का कहना था कि शराब बेचने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे गांव की महिलाएं सुरक्षित रह सकें और परिवार भी स्वस्थ्य माहौल में जीवन यापन कर सकेगा। महिलाओं ने बताया कि शराब पीकर लोग गांव में गालियां देते हैं और मारपीट करते हैं। आए दिन किसी न किसी घर में लड़ाई होती रहती है। महिलाओं ने कलेक्टर से गांव को शराब मुक्त करने की गुहार लगाई।

7 नवंबर को किया था चक्काजाम
चमारी खुर्द में शराब बिक्री को लेकर महिलाओं ने 7 नवंबर को चक्काजाम किया था। अवैध शराब बिक्री से नाराज महिलाओं ने चमारीखुर्द बस स्टैंड में छपारा से आदेगांव मार्ग में प्रदर्शन कर शराब बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। महिलाओं का आरोप था कि बार-बार जानकारी देने के बाद भी पुलिस का रवैया उदासीन बना हुआ है। ऐसे में मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है।

खुद ही संभाला था मोर्चा, महिलाओं ने की थी शराब जब्ती
जिम्मेदार विभागों द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर 6 नवंबर को महिलाओं ने खुद ही मोर्चा संभाला था। रात में गांव में बिक रही शराब की जब्ती की। वहीं 7 नवंबर को सुबह दस बजे चमारीखुर्द बस स्टैंड पहुंचकर प्रदर्शन किया। लगभग 5 घंटे सडक़ पर अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर धूप में बैठी रही।

4 नवंबर को मुख्यालय पहुुंचकर जताया था विरोध
4 नवंबर को भी चमारी खुर्द की महिलाओं ने मुख्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया था और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। महिलाओं का कहना था कि क्षेत्र में धड़ल्ले से खुले में शराब बेची जा रही है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। महिलाओं ने कहा कि एक तरफ सरकार नशामुक्त मध्यप्रदेश बनाने की बात करती है और करोड़ों रुपए जागरुकता के लिए खर्च करती है। दूसरी तरफ उन्हीं के विभाग अवैध शराब बिक्री को बढ़ाया दे रहे हैं। ऐसे में परिवार बर्बाद हो रहा है। बच्चे और बड़े आए दिन शराब पीकर उत्पात मचा रहे हैं। महिलाओं ने एसपी और छपारा थाना में भी लिखित आवेदन दिया था।

प्रशासन को उठाना होगा सख्त कदम
जिले में अधिकतर क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री से अब महिलाएं लामबंद हो रही हैं। उन्होंने इसके प्रमाण भी दिए हैं। ढाबों से दो बार शराब भी पकड़ी है। शराब की वजह से उनका घर बर्बाद हो रहा है। ऐसे में कभी भी महिलाएं जिले में बड़ा प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने बीते दिन चेतावनी भी दी थी। जरूरत है प्रशासन को अवैध शराब बिक्री पर सख्त कार्रवाई की। इससे व्यवस्थाएं भी सुधर जाएंगी और महिलाएं भी चिंता मुक्त हो जाएंगी।

इनका कहना है…
अवैध शराब को लेकर टीम कार्रवाई कर रही है। क्षेत्र में लगातार निगरानी अगर नहीं हो रही है तो मैं इस पर दिखवाती हूं। कार्रवाई जरूर की जाएगी।
शीतला पटले, कलेक्टर, सिवनी