
tiger: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र से 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एक मेल बाघ (टाइगर) का रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू में पेंच टाइगर रिजर्व और दक्षिण सामान्य वन मंडल की टीम शामिल थी। जिसने ट्रेंकुलाइज कर पहले घायल बाघ को बहोश किया और फिर उसे रेस्क्यू कर इलाज के लिए भोपाल भेजा है। टाइगर के पैर में एक पुराना घाव मिला है और वो पूरी तरह से स्वस्थ्य है।
सेमरटोला में गांव के समीप मक्के के खेतों में पिछले एक सप्ताह से बाघ दिखाई दे रहा था। किसानों से मिली सूचना पर वन अमले ने मौके पर जाकर पड़ताल की, तो पाया कि एक बाघ लंगड़ाता हुआ मक्के के खेतों में घूम रहा है। वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने आसपास रिहायशी इलाका होने से उक्त बाघ के सुरक्षात्मक तरीके से रेस्क्यू के निर्देश दिए। जिसके बाद पेंच टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा की अगुवाई में रेस्क्यू अभियान शुरु किया गया।
बाघ मक्के के खेत में छिपकर बैठा हुआ है। ऐसे में मौके पर हार्वेस्टर बुलवाकर मक्का की कटाई शुरु कराई गई। जिससे टाइगर दूसरे खेत की ओर भागने लगा, तो दूसरी ओर से जेसीबी मशीन और दूसरे वाहनों से घेराबंदी करके उसे एक ही खेत के सीमित स्थान पर रोके रखा गया। जिसके बाद वन्यप्राणी चिकित्सक ने टाइगर को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश किया। ट्रेंकुलाइज करने के बाद डॉक्टर ने जब बाघ का परीक्षण किया तो पाया कि उसके एक पैर में काफी दिनों से घाव है जिसके कारण से वो टाइगर सही तरीके से चल नहीं पा रहा था। हालांकि वह शारीरिक रूप से काफी स्वस्थ्य है और उसने हाल ही में एक जंगली सूकर का शिकार भी किया था।
Published on:
14 May 2025 10:15 pm
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