
सिवनी. प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ सिवनी के अलग-अलग स्कूलों में बच्चों को शारीरिक रूप से प्रताडि़त किए जाने के मामले को शासन ने गंभीरता से लिया है। जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों को अलग-अलग समय में शारीरिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ा है। हालांकि पूर्व में शासन ने शिक्षकों के व्यवहार को लेकर हिदायत दी थी। लेकिन शिक्षकों में सुधार नजर नहीं आया। इसके बाद प्रदेश के राज्यपाल ने स्वयं इस मामले को संज्ञान में लिए हैं। उन्होंने स्कूलों में बच्चों के लिए अलग से शिकायत पेटिका रखने का निर्देश दिया है।
राज्यपाल के आदेश पर मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड मुकर्जी ने आयुक्त लोक शिक्षण मप्र, आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड, जिला पंचायत सीईओ स्वरोचिष सोमवंशी को आदेश पत्र जारी किया है। कहा है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों से जुड़े प्रावधानों में एक महत्वपूर्ण प्रावधान, बच्चों को शारीरिक दण्ड और मानसिक उत्पीडऩ पर प्रतिबंध से सम्बंधित है। इस प्रावधान का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के सम्बंध में समय-समय पर पत्रों द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी निर्देशों में स्कूल में बच्चों की शिकायतों के लिए एक शिकायत पेटी रखे जाने के लिए निर्देशित किया गया है। जिस शिक्षक के खिलाफ ऐसी शिकायत मिलेगी। उसको कठोर दंड दिया जाएगा।
जिले में यहां हो चुकी है ऐसी घटनाएं
बीते दिन आईटीआर्ई कॉलेज छपारा में एक छात्रा दंडित होने के भय से बेहोश हो गई। इसके अलावा लोपा के एक स्कूल में छात्रा को अश्लील वीडियो दिखाने। केवलारी शिक्षा क्षेत्र के दो से अधिक स्कूलों में शिक्षक के शराब पीकर स्कूल आने का मामला। बरघाट शिक्षा क्षेत्र के एक स्कूल में विद्यार्थियों के साथ गाली-गलौच करने। छुई में शिक्षक द्वारा छात्रा को पत्र देकर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने। भोमा क्षेत्र में एक कार्यक्रम के लिए स्कूल के बच्चों से कुर्सी ढुलवाने। आदि मामले सामने आए हैं, जिसकी शिकायत भी हुई हैं।
जांचकर की जाती है दोषी पर कार्रवार्ई
स्कूल आने वाले विद्यार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना है। किसी भी स्थिति में विद्यार्थियों को शारीरिक रूप से दण्डित नहीं करना है। ऐसी शिकायत मिलने पर जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई की जाती है। जिले में ऐसे कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं, जिन पर कार्र्रवाई भी की गई है।
- जीएस बघेल, प्रभारी डीईओ, सिवनी।
Published on:
26 Dec 2017 11:44 am
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