
नागपंचमी पर मंदिरों में हुई पूजा
सिवनी. जिले भर में नागपंचमी धूमधाम से मनाई गई। सोमवार को शहर के शिव मंदिरों और नाग मंदिरों में पूजा-पाठ करने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचे। वहीं श्रावण मास के तीसरे सोमवार को नागपंचमी के त्यौहार में शिव मंदिरों, अद्र्धनारेश्वर मंदिर, नाग मंदिर में श्रद्धालुजनों ने दुध चढ़ाया वहीं जगह-जगह रूद्राभिषेक हुए।
नगर के मठ मंदिर स्थित नाग मंदिर में सुबह से ही लोग नाग देवता की पूजा करने पहुंचे। वहीं इस अवसर पर नगर के अखाड़ों में शस्त्र पूजा के साथ प्रदर्शन और कुश्ती की जोर आजमाइश भी हुई। इस दिन पहलवानों द्वारा कुश्ती खेली जाती है। जिले के कई गांव क्षेत्र में कुश्ती का आयोजन भी किया गया।
महाकालेश्वर बोरदई पहाड़ी स्थित शिव मंदिर, नाग मंदिर, अद्र्धनारेश्वर नाग मंदिर टैगोरवार्ड में विशेष पूजा पाठ की गई। महाकालेश्वर मंदिर पुजारी राघवेन्द्र शास्त्री ने बताया कि इस दिन भगवान भोलेनाथ का अभिषेक पूजन करने से कालसर्प योग, मंगलदोष का निवारण भी होता है। नागपंचमी के दिन खासतौर पर कालसर्प दोष वाले जातकों के लिए दोषमुक्ति की पूजा की गई। मंदिरों में काल सर्प दोष मुक्ति के लिए सुबह से ही पूजा की गई।
ज्योतिषशा में नागदेव को पूजनीय माना गया है। भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि के निर्माण के बाद पृथ्वी को अपने सिर में धारण करने शेषनाग से कहा। इसी तरह समुद्र मंथन में नागराज वासुकी ने देवाओं का समर्थन करते हुए सहायता की। भगवान विष्णु ने नाग की सैय्या पर बैठकर सृष्टि का पालन किया। वहीं भगवान शंकर ने नागदेव को गले में हार के रूप में धारण किया। इस वजह से नागदेव सदैव पूजनीय रहे हैं।
नागपंचमी के अवसर पर नगर श्रीमहावीर व्यायामशाला गिरजाकुण्ड में पूजन उपरान्त व्यायाशाला प्रांगण में अखाड़े के प्रदर्शन कर सदस्यों द्वारा देवी पूजन के लिए नगर में निकले। इसके साथ ही बजरंग अखाड़ा, अंजनी किशोर व्यायामशाला, विंध्यवासिवनी चौक स्थित व्यायामशाला, टैगोर वार्ड स्थित व्यायामशाला, डूंडासिवनी महावीर व्यायाम शाला, भैरोगंज के व्यायामशाला व जिले के अन्य व्यायाम शालाओं की पूजा अर्चना के उपरान्त शस्त्र पूजन के साथ पहलवानों द्वारा शरीर सौष्ठव, कुश्ती, जिमनास्टिकों के द्वारा शक्ति बल का प्रदर्शन किया गया।
बरघाट, जेवनारा, केवलारी के खैरमाई माता मंदिर के शिव व नाग मंदिर में, सीलादेही स्थित वैष्णवीदेवी पहाड़ी में ग्रामीणों ने भक्तिभाव से पूजा पाठ की। वहीं दिघौरी स्थित पितृधाम के शिव मंदिर, आदेगांव, खैरापलारी, धूमा, छपारा, कुरई, आष्टा, लखनादौन, घंसौर, किंदरई, धनौरा, बिनैकी आदि ग्राम क्षेत्रों में ग्रामवासियों ने नागपंचमी का त्योहार मनाया गया।
देसाईबर्रा में हुई पूजा
नगर के देसाईबर्रा बरघाट मोहल्ला में स्थित नागदेवता के मंदिर में सुबह से शाम तक बरघाट व आसपास के ग्राम कांचना, मंडी, पटेलटोला, बैलबाजार मोहल्ला आदि के ग्रामीणों ने मंदिर पहुंचकर नागदेवता की पूजा अर्चना की।
नाग पंचमी मना कर नाग देवता को पिलाया दूध
सावन का तीसरा सोमवार छपारा में मनाया जा रहा है। इसके साथ ही सावन शुक्ल पंचमी तिथि होने से आज सोमवार को नागपंचमी का त्योहार भी क्षेत्र में मनाया जा रहा है। धार्मिक ग्रंथों में नागपंचमी के दिन भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा का विधान बताया गया है। सोमवार के दिन नागपंचमी होने से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। छपारा के विभिन्न शिव मंदिर और नाग देवताओं की देवस्थान नाग पंचमी पर पहुंचकर नाग देवता को दूध पिलाया गया। जिसमें विधि विधान से नाग देवता की पूजा भी की गई। इस दिन खासतौर से नाग पंचमी के दिन क्षेत्र के पान दुकानदार अपनी पान की दुकान बंद रखकर नाग देवता की पूजा किया करते हैं हर साल पान दुकान संचालक अपनी दुकान बंद कर मान पंचमी की पूजा करते हैं इसी कड़ी में सोमवार को छपारा में सभी पान दुकानदारों ने उत्कृष्ट विद्यालय मैदान स्थित नाग पंचमी के स्थान पर पहुंच कर नाग देवता को दूध पिलाया और पूजा अर्चना की। इस अवसर पर पान दुकानदार देवेंद्र चौरसिया मुकेश कुमार दशरथ साहू समेत आदि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
नागपंचमी और श्रावण सोमवार के विशेष संयोग पर हुए विविध धार्मिक आयोजन
श्रावण मास के तीसरे सोमवार और नागपंचमी पर्व के विशेष संयोग पर सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भगवान भोलेनाथ का अभिषेक, पूजन, अर्चन करने एवं नागदेवता को दूध रखकर पूजन अर्चन करने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था जो देर रात्रि तक जारी रहा।
नागपंचमी पर्व के अवसर पर पूरे जिले में धार्मिक कार्यक्रम, वेद मंत्रों के साथ पूजन-अर्चन का क्रम सुबह से ही शुरू हो गया था। इसके साथ ही सभी शिवालयों में भी श्रावण मास के तीसरे सोमवार और नागपंचमी पर्व के विशेष संयोग पर सुबह से ही पूजन-अर्चन करने वालों की कतार देखी जा रही थी। कालसर्प योग एवं अन्य तरह की विघ्न बाधाओं से जूझ रहे लोगों द्वारा आज नागपंचमी और श्रावण सोमवार के संयोग पर शिवालयों में जाकर नीलकंठ भगवान भोलेनाथ का विशेष पूजन-अर्चन एवं अभिषेक कर नागदेवता को दूध अर्पित किया गया।
श्रावण सोमवार और नागपंचमी पर्व के संयोग पर अलग-अलग स्थानों से कांवड़ यात्रा शिव सिद्धपीठ मंदिरों के लिए पवित्र नदियों का जल लेकर गाजे-बाजे के साथ सड़कों पर जाती हुई दिखाई दी। वैनगंगा उद्गम स्थल मुंडारा से अलग-अलग क्षेत्रों से आए कांवडिय़ों के जत्थे अलग-अलग मंदिरों के लिए जल लेकर रवाना हुये। सुबह से गुरुरत्नेश्वरधाम दिघौरी में कांवडिय़ों के जत्थे जल लेकर पहुंचना प्रारंभ हो गए थे, जहां पर उनके द्वारा कांवड़ से लाये जल से भगवान गुरुरत्नेश्वर महादेव का अभिषेक किया गया। जगह-जगह कांवडिय़ों के लिए लोगों द्वारा स्वल्पाहार वितरित किया गया। पूरे जिले में धार्मिक आयोजन और वेद मंत्रों की गूंज से पूरा वातावरण धर्ममय हो गया। हर ओर हर-हर महादेव, बम-बम भोले की मधुर धुन सुनाई दे रही थी। नगर के सिद्धपीठ मठ मंदिर में श्रावण मास की शुरूवात के साथ ही अखंड रामायण पाठ प्रारंभ हो गया है, जो निरंतर जारी है।
इसी तरह शंकर मढिय़ा में प्रतिदिन सुबह भक्तों द्वारा अभिषेक किया जा रहा है। महाराज बाग भैरोगंज स्थित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का श्रावण मास के अवसर पर प्रतिदिन औषधि पदार्थों, फलों के रसों, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर सहित अन्य खाद्य पदार्थों से अभिषेक किया जा रहा है।
Published on:
06 Aug 2019 08:03 pm
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