19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना से दो की मौत, 10 घंटे रखा रहा शव, लकड़ी जमाने से लेकर दाह संस्कार तक के ले लिए पैसे

अमानवीयता की हदें पार:

2 min read
Google source verification
corona

corona

शहडोल. कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। लापरवाही मरीजों की जान ले रहा है। हाईरिस्क मरीजों के लिए कोरोना सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। मेडिकल कॉलेज में होने वाली मौत से अधिकांश मरीज दूसरी बीमारियों से पीडि़त मिल रहे हैं। शनिवार को भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती दो मरीजों ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया। शनिवार को कोरोना से एक महिला और एक पुरुष की मौत हुई है। जानकारी के अनुसार उमरिया की 61 वर्षीय महिला 8 अप्रैल को तबीयत खराब होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती हुई थी। महिला की 10 दिन पहले से तबीयत खराब चल रही थी। उन्होने जांच कराया तो कोरोना पॉजिटिव मिली थी। महिला को सांस लेेने में तकलीफ हो रही थी। इस पर डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा था। लगातार हालत बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों के अनुसार, महिला बीपी और शुगर की मरीज थी। इससे इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद शनिवार सुबह 6.30 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और नगरपालिका के बीच दाह संस्कार को लेकर 10 घंटे तक शव पड़ा रहा। परिजन शव दाह को लेकर मिन्नते करते रहे। इधर उधर फोन भी घुमाया लेकिन कर्मचारी भटकाते रहे। 4 बजे के बाद दाह संस्कार किया। बताया जा रहा कि महिला का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है। उसको भी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। दाह संस्कार मामले ने प्रबंधन और प्रशासन की व्यवस्था की कलई खोल दी है।

बॉक्स
एंबुलेंस में शव रखने से लेकर पीपीई का मांगा पैसा
चंदिया निवासी महिला के परिजन राजेश ने बताया कि दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक भटकते रहे। पहले मर्चुरी से शव उठाने के लिए कोई नहीं था। इसके लिए भी मेडिकल कॉलेज में एक हजार रुपए शव को एंबुलेंस में रखने के लिए ले लिए। बाद में कोई व्यवस्था नहीं थी तो शव दाह के लिए 35 सौ रुपए लकडिय़ों के लिए लिए गए। इतना ही नहीं लकडिय़ों को जमाने के लिए अलग से वहां पर एक हजार रुपए लिया गया। परिजनों ने बताया कि शव साथ ले जाने वालों द्वारा ही पैसों की मांग की जा रही थी। इसके बाद दाह संस्कार के लिए भी तीन हजार रुपए की मांग की गई। बाद में 21 सौ रुपए लिया गया। परिजनों ने बताया कि दो परिजन भी साथ में थे। इनके लिए पीपीई किट की जरूरत थी लेकिन सरकारी मदद से नहीं मिली। बाद में परिजनों से सात सौ रुपए मांगा जा रहा था लेकिन परिजनों ने बाजार से खरीद ली।

सांस लेने में तकलीफ, वेंटिलेटर में रात में मौत
छत्तीसगढ़ के केलारी निवासी 33 वर्षीय युवक को 5 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसे चार दिन से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। युवक का मोटापा बहुत ज्यादा था। युवक को आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। इलाज के दौरान शनिवार रात 7 बजे उसकी मौत हो गई।


आज पॉजिटिव -
कुल संक्रमित -
स्वस्थ्य मरीज -
एक्टिव केस -
होम आइसोलेट -
मेडिकल कॉलेज में भर्ती -