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दो साल बाद भी नहीं बन सका जिला चिकित्सालय का माड्यूलर किचन

2017 के बाद नहीं हुआ मेंटेनेंस कार्य, आवश्यक सुविधाएं भी नहीं

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2017 के बाद नहीं हुआ मेंटेनेंस कार्य, आवश्यक सुविधाएं भी नहीं
शहडोल. जिला चिकित्सालय के रसोई कक्ष का संचालन 2017 से प्रसूति वार्ड के बगल में हो रहा है। संचालन के सात वर्ष बाद भी रसोई का न तो मेंटेनेंस कराया गया और न ही यहां आज तक मॉड्यूलर किचन बन पाया। जिसके कारण कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों की माने तो मेंटेनेंस के नाम पर सिफ रसोई में रंगाई पुताई कराई गई। वह भी काफी दिनों से नहीं हुई है। रसोई में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था नहीं है, इसके साथ ही यहां के विद्युत उपकरण भी खराब हो चुके हैं।

किचन के लिए मिला था बजट

जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रबंधन को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की तरफ से मई 2023 में माड्यूलर किचन बनाने के लिए 5 लाख रुपए का बजट दिया गया था। इस राशि से अस्पताल के किचन को मॉड्यूलर बनाने के साथ-साथ विद्युत मरम्मत सहित अन्य आवश्यक कार्य किए जाने थे। प्रबंधन ने इस पैसे सिर्फ किचन की रंगाई पुताई करा दी, जबकि आज तक माड्यूलर किचन सहित अन्य सुविधाएं नहीं बनाई गई। रसोई कक्ष में अभी भी रोटी बेलने के लिए पत्थर का प्लेटफार्म एवं खाना बनाने के लिए गैस भट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

350 से अधिक मरीजों का बनता है खाना

जिला अस्पताल में हर रोज 350-400 मरीजों का भोजन बनाया जाता है। शासन स्तर से प्रत्येक मरीज के मान से 37 रुपए प्रतिदिन दिया जा रहा है। इसमें मरीजों को सुबह के चाय नाश्ता से लेकर दोपहर का भोजन व रात का भोजन शामिल हैं। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से भोजन व्यवस्था की नियमित जांच नहीं की जाती, जिससे यहां आए दिन लापरवाही भी सामने आती है।