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देवउठनी एकादशी पर दीपों से जगमगाए घर, भगवान शालिग्राम व तुलसी का हुआ विवाह

बाजार में गन्ना, सकला, सिंघाड़े के साथ कुम्हड़े की रही सबसे ज्यादा मांग

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बाजार में गन्ना, सकला, सिंघाड़े के साथ कुम्हड़े की रही सबसे ज्यादा मांग
शहडोल. देवउठनी एकादशी को लेकर मंगलवार को सुबह से शाम तक बाजार में चहल-पहल बनी रही। लोग बाजार से गन्ना, सकला, सिंघाड़ा के साथ पूजन सामग्री, दियों के साथ फल-फूल की खरीदारी करते नजर आए। शाम होने के साथ ही घर आंगन दीप जगमगा उठे। लोगो ने बड़े उत्साह के साथ छोटी दीपावली मनाई। इस अवसर पर मां लक्ष्मी के साथ ही शालिग्राम व तुलसी मां की विधि विधान से घर-घर पूजा अर्चना की गई। इसके साथ ही नगर के मंदिरो में भी भगवान की पूजा अर्चना की गई। उल्लेखनीय है कि चार माह बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं और इस दिन से ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। छोटी दीपावली के अवसर पर लोगों ने बाजार से वाहन, वस्त्र व स्वर्ण आभूषणों के साथ ही अन्य सामग्री की खरीदारी भी की।
सजे मंडप, हुआ शालिग्राम तुलसी का विवाह
देव उठनी एकादशी पर भगवान शालिग्राम व तुलसी विवाह का विशेष प्रावधान है। इसे लेकर लोगो ने घरों पर पहले से ही तैयारी कर रखी थी। मंगलवार की देर शाम से घर-घर आंगन में गन्ने के मंडप सजाए गए। मंडल के नीचे भगवान शालिग्राम व तुलसी को रखकर पूरे विधान के साथ इनका विवाह कराया गया। चुनरी, श्रंगार की सामग्री अर्पित करने के साथ ही सिंघाड़ा, सकला, पेठा, फल का भोग लगाकर परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की गई। देवउठनी एकादशी को छोटी दीपावली भी कहा जाता है। इस अवसर पर घरों में मां लक्ष्मी व प्रथम पूज्य भगवान गणेश की
भी पूजा अर्चना की गई व दीप जलाए गए।