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बाघ के शिकारी आरोपी गिरफ्तार, लेकिन बाघ की मौत हुई कैसे ?

वन विभाग के अधिकारी बताने को क्यों नहीं तैयार ?

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The tiger hunter arrested the accused but how the tiger died?

शहडोल- संभाग के उत्तर वनमण्डल के जयसिंह नगर के देवरा गांव में एक वयस्क बाघ का शव मिला था। जिसके बाद बाघ शिकार मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने जयसिंहनगर न्यायालय में ६ आरोपियों को 30 जनवरी की शाम पेश किया। हालांकि इस मामले का खुलासा वन विभाग के अधिकारियों ने अभी तक नहीं किया है।

इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने तीन दिन पहले ही ६ संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी। इसके बाद मुख्य आरोपी पुष्पेन्द्र सिंह गहरवार की उम्र 43 साल है पिता विक्रम सिंह निवासी देवरा, प्रकाश बैगा की उम्र 19 साल है पिता दद्दी, रूरू बैगा की उम्र 50साल है पिता भूरा, बुल्ला जिसकी उम्र19 साल है पिता छोटे बैगा, अशोक की उम्र २४ साल पिता समनू बैगा, मंगलदीन की उम्र 25 पिता समनू बैगा सभी निवासी देवरा के बताए गए हैं।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों ने पुष्पेन्द्र सिंह को रिमांड पर लिया है जबकि शेष पांचों आरोपियों को न्यायालय ने जेल भेज दिया है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी वन विभाग के अधिकारी अब तक ये बताने को तैयार नहीं हैं कि बाघ का शिकार कैसे किया गया है।

इलाके में नहीं वन विभाग का जोर
वन विभाग के अधिकारियों का शिकारियों पर जोर नहीं है। ये इलाका टाइगर डेथ जोन में तब्दील होता जा रहा है। दो महीने में पांच बाघों की मौत हो चुकी है। इस बीच एक तेंदुए का भी शिकार किया गया है। एक शावक लापता चल रहा है। वह कहां गया वन विभाग के अधिकारियों ने पूरी तरह से चुप्पी साथ ली है। ऐसी आशंका है कि कहीं उसका भी तो शिकार नहीं हो गया।

अभी हाल ही में संभाग के उत्तर वनमण्डल के जयसिंह नगर के देवरा गांव में एक वयस्क बाघ का शव मिला। जिसके बाद एक बार फिर से हड़कंप मच गया। मृत बाध के आगे दाहिने पांव में घाव नजर आ रहा था।

दो महीने में पांच बाघ, एक तेंदुए की मौत
वन विभाग के अधिकारियों और मैदानी कर्मचारियों की लगातार लापरवाही के कारण तीन महीने के बीच यह ६वीं मौत हुई है। इसके पहले चार बाघ और एक तेंदुए की मौत हो चुकी है। सबसे पहले संभागीय मुख्यालय के कल्याणपुर में 25 नवंबर को रिहायशी इलाके के पास नर बाघ का शव पाया गया था। इसके बाद गोहपारू वन परिक्षेत्र के सेमरा में 29 नवंबर को गोली मारकर तेंदुए का शिकार। इसके बाद 03 दिसंबर को अर्जुनी में एक बाघ की मौत का मामला सामने आया था। 11 दिसंबर को घुनघुटी वन परिक्षेत्र के काचोदर में एक बाघिन और एक शावक का शिकार किया गया था। 27 जनवरी को जयसिंहनगर वन परिक्षेत्र में नर बाघ की मौत ने वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।