आपको बता दें कि एमएलसी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी संजय मिश्र शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जलनिगम के अधिकारियों के साथ मारपीट के आरोप लगते रहे हैं। वहीं आज जिला के तमाम अधिकारी इस एमएलसी पर कार्यवाही करने के बजाय मूक दर्शक बनकर ड्रामा देखते रहे। हैरानी की बात है पहले जब सपा विधायक या एमएलसी की बात दूर, किसी गांव या तहसीलस्तर का भी नेता अधिकारियों के पास पहुंच जाता था तो उसकी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई होती थी लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि एमएलसी को भी अधिकारी घास नहीं डाल रहे हैं।