16 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीकर मास्टर प्लान के विरोध में 50 से ज्यादा गांव-ढाणी, स्टेडियम की जगह बदल सकती है तो और क्यों नहीं?

मास्टर प्लान के विरोध में 50 से ज्यादा गांव-ढाणियों के लोगों की किसान छात्रावास में सभा हुई।

3 min read
Google source verification
SIKAR MASTER PLAN

Photo- Patrika Network

Sikar Master Plan: सीकर शिक्षानगरी के मास्टर प्लान को लेकर विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। मास्टर प्लान के विरोध में 50 से ज्यादा गांव-ढाणियों के लोगों की किसान छात्रावास के रणमल सिंह किसान आडिटोरियम में सभा हुई। वक्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीकर का प्रस्तावित मास्टर प्लान कुछ चहेतों को फायदा पहुंचाने वाला है। इसलिए सीकर की जनता की ऐसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

वक्ताओं ने कहा कि यहां का किसान अपनी जान भी देगा लेकिन जमीन नहीं देंगे। विजेंद्र सिंह डोरवाल कटराथल की अध्यक्षता में हुई आमज सभा में लोगों ने मास्टर प्लान के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सभा में मास्टर प्लान को रद्द कर आपत्तियां दर्ज कराने की समय-सीमा को बढ़ाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं सभी प्रभावित गांवों व कॉलोनियों में खेती किसानी और जमीन बचाओ आंदोलन की संघर्ष समितियां बनाने और मास्टर प्लान के विरोध में 10 अगस्त को शहर में आमसभा एवं रैली निकालने का फैसला लिया गया।

सभा में गणेश बेरवाल व एडवोकेट सूरज भान जाखड़ ने मास्टर प्लान के जनविरोधी तथ्य बताए। उन्होंने आह्वान किया कि यूआईटी, सीकर ने जो मास्टर प्लान बनाया है, वह किसी भी प्रकार से जनहित में नहीं है। वहीं रामेश्वर बगड़िया भढाढर, जयंत खीचड़ गोकुलपुरा, प्रभुदयाल ओला कुड़ली, विमला देवी भादवासी, जयश्री, महेंद्र डोरवाल, विजय ढाका, बलदेव सैनी , महावीर प्रसाद सैनी, विष्णु सैनी, महावीर जांघू ने कहा कि मास्टर प्लान भौतिक रूप से सर्वे किए बिना पूर्व के मास्टर प्लानों में मनमर्जी से बदलाव कर जनहित की बजाय कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है।

मास्टर प्लान में भौतिक रूप से मौजूद पुरानी सड़क व रास्ते नहीं दर्शाए गए हैं। शहर व गांवों में अनावश्यक रूप से 100 फीट, 200 फीट व 400 फीट चौड़ाई की सड़कों का प्लान बनाया गया है। सभा को हरिराम मील, राजेंद्र डोरवाल, दिनेश सिंह जाखड़, जसवीर सिंह चौधरी,किशोर खीचड़ कटराथल, सुरेश थालोड़, व मनोज मंगावा हरदयालपुरा आदि हजारों की संख्या में किसान मोजूद रहे।

पूर्व सांसद को बताया दर्द

सीकर के मास्टर प्लान 2041 का लगातार ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में विरोध बढ़ता जा रहा है। मास्टर प्लान के विरोध में लगातार अलग-अलग ग्रामीण इलाकों के लोग आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। वहीं मास्टर प्लान 2041 में ग्राम राधाकिशनपुरा के नला का बालाजी स्थित बालाजी विहार विस्तार कॉलोनी के लोगों ने पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती व उपजिला प्रमुख ताराचंद धायल को ज्ञापन देकर दर्द बताया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि मास्टर प्लान में बालाजी विहार विस्तार कॉलोनी को सार्वजनिक व अर्धसार्वजनिक उपयोग में वर्गीकृत किया गया है। इस दौरान तेजसिंह, श्रीराम, कर्मवीर पिलानिया, सुरेश सैनी, अमरचंद, मालीराम, धर्मेंद्र, जुगल सिंह, सीताराम, महावीर, पिंकी कंवर आदि ने संवाद किया।

माकपा उतरी विरोध में

माकपा ने शहर के मास्टर प्लान को वापस लेने की मांग की है। सदस्य सचिव रामरतन बगड़िया ने बताया कि जिला सचिव व पूर्व विधायक पेमाराम ने मास्टर प्लान को आम जनता और किसान विरोधी तथा कारपोरेट की लूट का प्लान बताते हुए सरकार से इसे वापप लेने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

पूर्व विधायक को बताई मास्टर प्लान की खामी

पीपली नगर, नला का बालाजी, राधाकिशनपुरा, दादली, चारण का बास, कंवरपुरा रोड सहित कई इलाके के लोगां ने पूर्व विधायक रतन जलधारी को भी मास्टर प्लान के खामियों के बारे में बताया है। इलाके के लोगों ने बताया कि बिना जन सहभागिता के यह मास्टर प्लान तैयार हुआ है।

लोगों ने कहा कि यह मास्टर प्लान किसानों को तबाह करने वाला है। जलधारी ने लोगों को सरकार तक उनकी मांग पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस दौरान गौतम चनेजा, प्रेमचंद सैनी, वीरेंद्र मीणा, राजेंद्र सैनी, नागेंद्र मीणा, नरेश सैन, अरुण कुमावत, कमलेश सैनी, रमेश शर्मा, सीताराम कुमावत, गौरव सैनी आदि ने इलाके के लोगों का दर्द बताया।