
नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में सेशन न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी ने आरोपित ट्रक चालक चुन्नीलाल जाट को दस साल के कठोर कारावास व 30 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई।
प्रकरण में चूरू स्थित भूखरेड़ी निवासी गिरधारी लाल जाट, कोलासर निवासी मदनलाल जाट व झुंझुनूं स्थित नगली सलेदीसिंह निवासी अमरसिंह राजपूत को संदेह के लाभ में बरी कर दिया गया। लोक अभियोजक शिवरतन शर्मा ने सरकार की ओर से मामले में बहस की है।
शर्मा ने बताया कि 28 अप्रेल 2014 को नरोदड़ा निवासी परिवादी ने लक्ष्मणगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया की उसकी 16 वर्षीय पुत्री रात में घर से बगैर बताए कहीं चली गई है। इसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी। लगभग डेढ़ माह बाद नाबालिग चूरू स्थित तारानगर से बरामद कर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
कई स्थानों पर किया दुष्कर्म
घर से निकलने बाद नाबालिग ने रतनगढ़ स्थित भूखरेड़ी निवासी चुन्नीलाल जाट को फोन किया। चुन्नीलाल ने उसे मुकेश के साथ जयपुर आने के लिए कहा। मुकेश ने नाबालिग को बस में बैठाकर जयपुर भेज दिया।
जयपुर से चुन्नीलाल ने नाबालिग को अपने साथ लेकर केरल चला गया। वहां शादी का झांसा देकर एक माह तक दुष्कर्म किया। उसके बाद चुन्नीलाल उसे जयपुर स्थित लोहामंडी में लेकर आ गया।
जहां कुछ दिनों साथ रखने के बाद उसे तारानगर लेकर आ गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपित को गिरपïतार कर लिया। नाबालिग को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।
संदेह के लाभ में तीन बरी
दुष्कर्म प्रकरण में तीन जनों को मदद करने के मामले में संदेेह का लाभ देते हुए न्यायालय ने बरी कर दिया। जांच में सामने आया कि चुन्नीलाल को अमरसिंह ने केरल के त्रिशूल में कमरा दिलवाया। उसके बाद गिरधारी ने जयपुर में कमरा दिलाया।
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