शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा, निवासी गोकुलधाम, राजपूत छात्रावास के पीछे, सीकर ने 16 नवंबर 2018 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2018 में विशाल खंडेलवाल ने उनसे व्यापारिक जरूरत के लिए तीन महीने के लिए दो लाख रुपए उधार लिए थे। भुगतान के लिए खंडेलवाल ने 30 सितंबर 2018 को उन्हें एक चेक दिया था। सुरेंद्र शर्मा ने जब बैंक में चेक लगाया गया तो अकाउंट में बैलेंस नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। परिवादी ने विशाल को रुपए लौटाने के लिए कई बार कहा लेकिन उसने रुपए नहीं दिए और टालमटोल करता रहा। परिवादी सुरेंद्र कुमार शर्मा ने इसके बाद कोर्ट के माध्यम से 16 अक्टूबर 2018 को खंडेलवाल को लीगल नोटिस भिजवाया। नोटिस भिजवाने के बाद भी विशाल खंडेलवाल ने भुगतान नहीं किया। सुनवाई के दौरान परिवादी ने गवाही दी और मूल चेक, चेक जमा रसीद, चेक रिटर्न दस्तावेजी, विधिक नोटिस, डाक रसीद, ऑनलाइन ट्रेकिंग रिपोर्ट आदि के सबूत पेश किए। परिवादी के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष सुप्रीम कोर्ट की चेक बाउंस की नजीर पेश की।
3.17 लाख का जुर्माना लगाया-
न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सबूतों के आधार पर विशाल खंडेलवाल पुत्र पवन खंडेलवाल निवासी शिवांगन सदन खातियों का मोहल्ला पुलिस लाइन के सामने वार्ड 35, सीकर को दोषी ठहराया। न्यायालय ने आरोपी को एक साल की जेल के साथ 3.17 लाख का जुर्माना लगाया है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि यदि अभियुक्त विशाल खंडेलवाल जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करते, तो उन्हें अतिरिक्त दो महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा।