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पति जावेद की मौत के बाद पत्नी ने खोले ये राज, पुलिस भी सुनकर चौंक गई

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sikar husband wife

After the death of husband Javed, wife opens these secrets in sikar

सीकर. सूदखोरी में परेशान होकर जान गंवाने वाले सीकर निवासी जावेद की पत्नी कोसर ने घर पूछताछ करने आई पुलिस को सूदखोरों के बारे में कुछ अहम राज बताए हैं। जावेद की पत्नी कोसर ने पुलिस को बताया कि ऐसे तीन-चार नाम हैं। जिनके फोन अक्सर उसके पति के पास आते रहते थे और उनका फोन आते ही जावेद परेशान हो उठता था। कई बार जावेद के फोन जब उसने उठाए तो उसे इस बात का पता चला कि इनके बीच आपसी लेन-देन का मामला चल रहा है।

जावेद के भाई शरीफ ने बताया कि पुलिस बयानों के लिए घर आई थी। पुलिस ने जावेद की पत्नी और मैरे से पूछताछ की। जिसमें जावेद की पत्नी कोसर ने पुलिस को सलीम व रणवीर का फोन आने की जानकारी दी है।

इसके अलावा पुलिस ने जावेद के हिसाब-किताब का रिकार्ड खंगाला है। जानकारी में आया है कि पुलिस जावेद के बारे में अड़ोस-पड़ोस से भी जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा गली व सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरों में आने-जाने वालों के फुटेज की तलाश कर रही है।

खंगालेंगे कॉल डिटेल
धर्माणा चौकी प्रभारी धन सिंह का कहना है कि जावेद की पत्नी के अनुसार बताए गए नाम व जावेद की मोबाइल में आए नंबरों की कॉल डिटेल निकालकर उनकी जांच की जाएगी। जावेद की गोकुलपुरा स्थित लाख की चूडिय़ों की दुकान का भी निरीक्षण किया जाएगा।

यह था मामला
गौरतलब है कि देवीपुरा रोड स्थित वार्ड संख्या 30 के जावेद ने गुरुवार की दोपहर कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी थी। इसके बाद परिजनों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ सूदखोरी का मुकदमा दर्ज कराते हुए जांच की मांग रखी गई थी। परिजनों ने बताया था कि जावेद ने रुपए उधार ले रखे थे और कुछ लोग बिना नंबरी गाड़ी लेकर उसके घर के आस-पास चक्कर लगाया करते थे।

बूढ़ा पिता कर रहा था हज की तैयारी
जावेद के पिता कासम अली का चयन हज यात्रा के लिए होने पर वे यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, जावेद के पिता कासम अली को क्या पता था कि हज यात्रा से पहले उन्हें अपने ही बेटे की अंतिम यात्रा में शामिल होना पडेग़ा। हालांकि घटना के बाद परिवार के लोग प्रयास कर रहे हैं कि कासम अली हज यात्रा को नहीं टाले और वे इसमें शामिल हों।

गहरी हैं सूदखोरी की जड़ें
सीकर. जिले में सूदखोरी की जड़े काफी गहरी हैं। यही वजह है कि पुलिस अभी तक सूद के इस अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लगा पाई है। जबकि सूदखोरों से परेशान लोग अपनी जमीन व मकान के साथ-साथ प्राण देने पर भी विवश हो रहे हैं।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जूलियासर के अर्जुन ने पुलिस अधीक्षक को परिवाद सौंपा था। जिसमें उसने सूदखोरी के खिलाफ रिपोर्ट देकर कार्रवाई की मांग रखी थी। मामले में पीडि़त का आरोप था कि उसने एक व्यक्ति से करीब तीन लाख रुपए उधार लिए थे।

उसने अपनी जमीन तक बेच डाली थी और गवाहों के सामने ब्याज सहित रकम चुका दी थी। लेकिन, बावजूद इसके सूदखोर ने उसके दस्तावेज नहीं लौटाए और उसके खिलाफ ही रूपए वसूली का दावा कर दिया गया।

रकम के लिए धमकी
लक्ष्मणगढ़ कस्बे के रामस्वरूप ने भी परेशान करने व जमीन के कागजात हड़प लेने का आरोप लगाते हुए पुलिस को परिवाद सौंपा था। पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किए गए परिवाद में उसने संबंधित सूदखोर पर ब्याज की रकम के लिए बार-बार परेशान करने तथा परिवार को धमकी देने के आरोप लगाते हुए आरोपी पर कार्रवाई की मांग की थी।

नाम करा लिया प्लाट
पुलिस को दी गई शिकायत में फारूख ने उधारी के दो लाख रुपयों के बदले धोखे से उसका प्लाट हड़प लेने के आरोप सूदखोर पर लगाए। जबकि फारूख के अनुसार उधारी के वह दस रुपए सैकड़ा के हिसाब से अदा कर चुका था। लेकिन, सूदखोर फिर भी 15 हजार रुपए प्रतिमाह ब्याज लेकर प्लाट के कागजात व स्टांप नहीं लौटा रहा है।