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स्कूल के बाहर ‘मौत’ कर रही थी इस मासूम का इंतजार, सबको रुला गई बच्चे की ऐसी विदाई

locationसीकरPublished: Aug 14, 2018 03:57:26 pm

Submitted by:

vishwanath saini

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खाटूश्यामजी (सीकर) इलाके के मंढा रोड पर सोमवार को इंटरवेल के समय स्कूल से अपने साथियों के साथ बाहर निकले दूसरी कक्षा के छात्र की जीप की टक्कर से मौत हो गई।

छह साल का मासूम छात्र अपने साथियों के साथ बाहर खेल रहा था। अचानक वह स्कूल की तरफ दौड़ गया और जीप की चपेट में आ गया। टक्कर लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

उसे खाटू सीएचसी से जयपुर रैफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार सुमित बंजारा (6) पुत्र पिंटू भरतपुर का रहने वाला था। वह अपने दादा धर्मवीर और दादी विद्या देवी के पास खाटूश्यामजी में रहता था और मंढा रोड़ पर स्थित राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहा था।

सुमित सोमवार सुबह स्कूल में इंटरवेल के समय अपने साथियों के साथ बाहर निकल गया था। किसान सेवा केन्द्र के पास आने के बाद अपने साथी से हाथ छुड़ाकर सुमित स्कूल की ओर दौड़ा। इसी दौरान मंढा की ओर से आ रही जीप ने छात्र को जोरदार टक्कर मार दी।

हादसे में छात्र के सिर पर गहरी चोट लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। टक्कर मारने वाली जीप के चालक ने ही उसको सीएचसी पहुंचाया। हादसे के बाद परिजनों ने रास्ता जाम करने की भी कोशिश की।

 

खत्म हुई हड़ताल मरीजों को राहत

सीकर. निजी अस्पताल संचालकों की हड़ताल छह दिन बाद समाप्त हो गई। हड़ताल खत्म होने से मरीजों ने राहत की सांस ली। अब भामाशाह कार्डधारियों के उपचार की राह खुल सकेगी। सोमवार को जयपुर में चिकित्सा विभाग व बीमा कंपनी के पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक में निजी अस्पताल संचालकों ने आश्वस्त किया कि वह मरीजों का इलाज निशुल्क करेंगे। भामाशाह बीमा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। जबकि आठ अगस्त से इन्होंने इस योजना का बहिष्कार कर रखा था।

 

निजी अस्पताल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. बीएल रणवां ने बताया कि साढ़े पांच घंटे की मिटिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एमडी व बीमा कंपनी के पदाधिकारियों सहित निजी अस्पताल संचालक भी शामिल थे। जिसमें विभाग के एमडी डा. नवीन जैन ने विश्वास दिलाया है कि उनकी सभी मांग 31 अगस्त तक लागू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि निजी अस्पताल संचालकों के पांच करोड़ रुपए निजी कंपनी पर बकाया थे। इस कारण अस्पताल संचालक पिछले दिनों आंदोलन की राह पर चले गए थे।

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