
5 पुलिसकर्मियों ने किया सुसाइड, किसी ने प्यार में जान दी तो किसी ने इसलिए लगाया मौत को गले
विक्रम सिंह सोलंकी, सीकर.
Policemen Suicide Case in Sikar : पुलिस थानों में अत्यधिक काम का प्रेशर और पारिवारिक कारणों के कारण पुलिसकर्मी सुसाइड कर रहे हैं। जिल में पांच पुलिसकर्मी सुसाइड ( Five Policemen Committed Suicide ) कर चुके हैं। प्रदेश भर में सुसाइड करने के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। पुलिस थानों में अधिक समय तक काम करने से मानसिक अवसाद में आ रहे हैं। साथी पुलिसकर्मियों से छोटी-छोटी बातों पर उत्तेजित होना प्रमुख वजह सामने आ रही है। कई थानों में प्रेम संबंध ( Love Affair ) बनने के कारण भी पारिवारिक कलह सामने आ रहे हैं। मनोचिकित्सक डा. विक्रम बगडिया ने बताया कि मानसिक तनाव में आकर सुसाइड के मामले बढ़ रहे हैं। आपसी मनमुटाव और पारिवारिक कारणों से अवसाद बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी अत्यधिक कार्य के कारण तनाव में रहते हैं। हैरानी की बात है कि सुसाइड के अधिकतर मामलों में पुलिस जांच भी अधूरी रही है। पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता नहीं लगा सकी।
प्रताडऩा का आरोप लगा लक्ष्मीकांत ने सुसाइड किया
शनिवार रात को महिला थाने के सिपाही लक्ष्मीकांत ( Constable Laxmikant Suicide ) ने रसोई में पंखे से लटक कर सुसाइड कर लिया। उसने मरने से पहले सुसाइड भी लिखा और उसे वायरल भी कर दिया। लक्ष्मीकांत ने महिला थानाधिकारी पूजा पूनिया सहित अन्य थाने के चार पुलिसकर्मियों पर जातिवाद के नाम पर प्रताडऩा के आरोप लगाएं। वह रात को घर पर आया। पत्नी को खाना नहीं खाने की बात कहीं। इसके बाद रात को सुसाइड नोट लिखने के बाद रसोई में जाकर सुसाइड़ कर लिया, हालांकि सुसाइड करने की मुख्य वजह सामने नहीं आई है। पिछले तीन दिनों तक मृतक कांस्टेबल लक्ष्मीकांत के परिजन मोर्चरी के बाहर दोषी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे। मामले की जांच एससीएसटी सेल के डीएसपी तेजप्रकाश कर रहे है।
प्यार में पागल सिपाही दौलत सिंह ने थाने में ही लगाई आग
सिपाही दौलत सिंह ( Policeman Daulat Singh ) ने उद्योगनगर थाने में पेट्रोल छिडक़ कर आग लगा ली थी। लपटों से घिरा देखकर दरी व कंबल डाल कर आग को बुझाया गया। उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। वह फतेहपुर कोतवाली थाने में कार्यरत था। थाने में कार्यरत एसआई को वह बार-बार फोन कर बुला रहा था। उन्होंने काम में व्यस्त होने के कारण से मना कर दिया। दोनों के बीच में नोकझोंक भी हुई थी। एसआई ने अपना फोन भी बंद कर लिया था। इसी बात से गुस्सा होकर वह थाने में पेट्रोल भरकर ले आया। शरीर पर उालकर आग लगी ली। एसआई और सिपाही दौलत पहले उद्योगनगर थाने में ही कार्यरत थे। बाद में एसआई व सिपाही के बीच का ट्रांसफर कर दिया था।
अधिकारियों की प्रताडऩा से परेशान महिला सिपाही ने भी सुसाइड किया
मार्च 2019 में पुलिस अधिकारियों की प्रताडऩा से परेशान होकर महिला सिपाही ने भी सुसाइड कर लिया था। सांचोर थाने में कार्यरत गीता ने थाना अधिकारी व अन्य स्टाफ पर प्रताडऩा के आरोप लगा कर पुलिस क्वार्टर में ही पंखे से लटक सुसाइड कर लिया था। गीता के मोबाइल फोन से प्रताडऩा का सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें उसने थानाप्रभारी पुष्पेंद्र वर्मा, केलम बिश्नोई पर मानसिक रूप से परेशान करने के आरोप लगाए थे। उसने लिखा था कि वह जिंदगी जीना चाहती है, लेकिन उसे वे जीने नहीं देंगे। उसका सुसाइड नोट सोशल मीडिया ( Suicide Note Viral on Social Media ) पर भी वायरल हो गया था। इसके बाद थानाअधिकारी को लाइन भेजा गया था।
कांस्टेबल सूरमा फंदे से झूली, एएसआई गिरफ्तार
खाटूश्यामजी के गांव पुजारी का बास की महिला कांस्टेबल सूरमा ने क्वार्टर में फंदे से लटक कर सुसाइड कर लिया था। सुबह दस बजे मैस में खाना तैयार हो जाने के बावजूद भी सूरमा नहीं आई तो साथी पुलिसकर्मी उसे बुलाने गए। कमरे में उसे पंखे से लटकते हुए देखा। महिला कांस्टेबल सूरमा भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में कार्यरत थी। कांस्टेबल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने पर एएसआई उपेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। कॉल डिटेल में दोनों के बीच कई घंटों तक बातचीत होने की बात सामने आई थी। सूरमा 2011 में भर्ती हुई थी और 2016 से भीलवाड़ के करेड़ा थाने में ही कार्यरत थी। डेढ़ माह पहले गर्भपात होने के कारण से छुट्टी पर चल रही थी।
सल्फास खाकर महिला कांस्टेबल थाने पहुंची
उद्योगनगर थाने में कार्यरत महिला कांस्टेबल सुमित्रा सल्फास खाकर सुबह स्कूटी लेकर थाने आ गई। उसने फौजी पति पवन को व्हाटसअप पर मैसेज भेजा कि तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी है। उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी। सुमित्रा ने पति के खिलाफ दो बार दहेज मांगने व मारपीट किए जाने का मुकदमा भी दर्ज कराया था।
क्या करें समस्या सांझा करें
मनोचिकित्सक डा. विक्रम बगडिया ने बताया कि पुलिस अधिकारियों से समस्या को सांझा कर सकते है। वह चिकित्सक से मदद के लिए जा सकते है। परिवार के लोगों से बात कर सकते है। उन्होंने कहा कि किसी को भी अपनी जिंदगी खत्म करने का अधिकार नहीं है।
Published on:
18 Sept 2019 11:39 am
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