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इस महिला व चार बच्चों की आंखों से रोज बहता है आंसुओं की दरिया, जानिए वजह

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शिश्यू (सीकर).
मजदूरी के लिए विदेश गए पति की सुरक्षित वापसी के लिए महिला ने पुलिस अधीक्षक, विदेश मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में गुहार लगाई है। पीडि़त महिला कौशल्या कुमावत राजस्थान के सीकर जिले के गांव रानोली के बाण्यों की ढाणी की रहने वाली है। पति की वापसी के लिए कौशल्या व उसके चार बच्चों की आंखों से रोज आंसुओं का दरिया बहता है।

कौशल्या कुमावत छह साल से पति राधेश्याम कुमावत का इंतजार कर रही है। पीडि़ता के भाई गणेश ने उसके पति को सऊदी अरब की अलमजकाईनरियाद नाम की कंपनी में वीजा नं. 1017572791/ 1103177121 15 अप्रेल 2012 को वीजा भेजा।

राधेश्याम 8 मार्च 2013 को दिल्ली एयरपोर्ट से सउदी अरब गए। भाई भी पति के साथ गया था। वहां पर खफ ील अफ वाज नाम के व्यक्ति के पास मजदूरी के लिए भेज दिया और तीन साल तक उनके साथ में ही मजदूरी करता रहा।

उसके बाद राधेश्याम को वहीं छोड़कर गणेश स्वयं घर आ गया और तीन साल से उसकी मजदूरी भी गणेश ने अपने पास रखी। हद तब हो गई जब राधेश्याम की वापसी के ही लाले पड़ गए।


सीकर निवासी पीडि़ता ने पति की वापसी के लिए भाई सहित कई लोगों से सम्र्पक किया किन्तु लताड़ व धमकी के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। आखिरकार उसने भाई गणेश के खिलाफ पति राधेश्याम को विदेश में ले जाकर पैसे हड़पने एवं धोखे से फंसाने का परिवाद पुलिस अधीक्षक को दिया है।

राजस्थान निवासी पीडि़ता ने डाक से तीन महीने पहले विदेश मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजकर पति की सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है। कौशल्या ने बताया कि उसने पिछले साल 23 नवम्बर को एसपी को परिवाद दिया था। इसके बाद दूसरा परिवाद 10 दिन पहले इसी कार्यालय में दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब महिला दो दिन से रानोली थाने के चक्कर लगा रही है।

पीडि़ता ने बताया कि नौ माह पहले पति से मोबाइल पर बात हुई थी तो पति ने बताया कि उसे अफ वाज नाम के खफ ील के पास जंगल में ऊंटों के टोले में लगा रखा है। जहां समय पर न तो खाना मिलता और ना ही पगार। कम्पनी का मालिक भी आने नहीं देता और बात भी नहीं करने देता। छह साल पहले पति को जैसे-तैसे कर 40 हजार रुपए का जुगाड़कर भाई गणेश के साथ विदेश भेजा था।

उसके बाद वहां पर क्या परिस्थिति बनी उसकी कोई खबर नहीं है। पीडि़ता के तीन बेटियां और एक बेटा है। इन बच्चों का पालन- पोषण मुश्किल हो गया। मुकन्दगढ़ ससुराल होते हुए भी नाजुक दौर के चलते रानोली में अपने मायके में ही रहती है। उधर रानोली थानाधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि तीन दिन पहले परिवार उनके पास आया था। मामले की जांच की जा रही है।