जिले में सुबह-शाम की तेज सर्दी और सर्दी से बचने के लिए बरती जाने वाली लापरवाही सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ा रही है। प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस संबंधी परेशानी होती है। राजकीय कल्याण अस्पताल के श्वसन रोग विभाग में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की परेशानी से जूझ रहे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इनमें अधिकांश मरीज ग्रामीण अंचल के हैं।
जिले में सुबह-शाम की तेज सर्दी और सर्दी से बचने के लिए बरती जाने वाली लापरवाही सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ा रही है। वजह सर्दियों के सीजन में वायु की गुणवत्ता ज्यादा खराब हो जाती है। प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस संबंधी परेशानी होती है। राजकीय कल्याण अस्पताल के श्वसन रोग विभाग में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की परेशानी से जूझ रहे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इनमें अधिकांश मरीज ग्रामीण अंचल के हैं। निजी अस्पतालों की ओपीडी में एस्थमेटिक एलर्जी, साइनस के नए मरीज भी आ रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार अभी तो सर्दी की शुरूआत हुई इस दौरान बरती गई लापरवाही के कारण सर्दी के पीक सीजन में संबंधित की परेशानी बढ़ सकती है।
शुगर व बीपी मरीजों को ज्यादा खतरा
सर्दी के सीजन को हेल्दी सीजन माना जाता है। कई लोग सर्दियों में लोग फल-जूस इत्यादि का सेवन कम कर चिकनाईयुक्त पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं, इससे रक्त में हानिकारक कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है, इससे ह्दय की धमनियों में रक्त संचार बाधित होता है। सर्दी के कारण ह्दय की धमनियां सिकुड़ती है। ऐसे में सर्दी से बचने के उपाय को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही से ह्दय रोगियों में हदयाघात का खतरा बढ़ सकता है। चिकित्सकों के अनुसार ह्दय और ब्लड प्रेशर के मरीजों को तय समय पर दवाएं लेनी पड़ती है। नियमित रूप से सुबह-शाम घूमना जरूरी होता है। मौसम में आए बदलाव को देखते हुए इन मरीजों को सर्दी के सीजन में भी खान-पान और दवाएं समय पर लेने का ध्यान रखना जरूरी है।
इनका कहना है
सर्दी के सीजन की शुरूआत के साथ मौसम में आए बदलाव से एलर्जिक अस्थमा के केस बढ़े हैं। इसे देखते हुए सावधानी रखने की जरूरत है।
डॉ. रघुनाथ प्रसाद, एसोसिएट प्रोफेसर मेडिसिन