स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी निर्देशों के मद्दनेजर एक ओर जहां स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को आवश्यकता वाले यानी कम शिक्षकों वाले स्कूलों में भेजा जाएगा। वहीं दूसरी ओर स्थान रिक्त होने की स्थिति में आवेदन करने वाले शिक्षकों को नई नीति के तहत पात्रता रखने पर स्थानांरित किया जाएगा।
वर्तमान में शहरी क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों की संख्या अतिशेष है। हालांकि, शिक्षा अधिकारी बृजेश मिश्रा ने प्राचार्यों से अतिशेष शिक्षकों की जानकारी मांगी है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक शासकीय शालाओं से लेकर हाइस्कूल व हायर सेकंडरी में करीब 150 शिक्षक अतिशेष हैं।
स्थानांतरण के बावत जारी निर्देशों के मद्देनजर पूरे वर्ष भर स्थानांतरण की प्रक्रिया पर प्रतिबंध रहेगा। स्थानांतरण की छूट 22 जून से लेकर 31 जुलाई तक दी गई है। इसके बाद शिक्षा विभाग में किसी भी तरह से स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी। निर्देशों के मुताबिक, स्थानांतरण के लिए शिक्षक पांच जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्थानांतरण आदेश 15 जुलाई तक जारी होंगे और 22 जुलाई तक संबंधित को स्थानांतरित स्कूल में ज्वाइन करना होगा।
– शिक्षकों के अतिशेष की गणना छात्रसंख्या आधार पर होगी।
– कम छात्रसंख्या वाले स्कू लों में किया जाएगा स्थानांतरण।
– तीन शैक्षणिक सत्रों में औसत प्रवेश संख्या बनेगा आधार।
-अतिशेष शिक्षकों में पहले कनिष्ठ शिक्षकों का होगा स्थानांतरण।
-स्कूल में पदस्थापना से नहीं, सेवाकाल से तय होगी वरिष्ठता।
– ४० फीसदी से अधिक नि:शक्तता वाले शिक्षकों को राहत।
– सेवानिवृत्ति का समय एक वर्ष कम होने पर नहीं होंगे अतिशेष।
-स्वैच्छिक स्थानांतरण में आवेदन के क्रम को दी जाएगी वरियता।
– बेहतर परिणाम देने वाले स्कूलों के शिक्षकों व प्राचार्यों को वरियता।
– स्वयं या परिवार के सदस्य की बीमारी पर मिलेगी राहत व वरियता।
– अधिक आवेदन होने की स्थिति में महिलाओं को मिलेगी वरियता।
– विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व नि:शक्त को नियुक्ति में वरियता।