आंध्र प्रदेश सरकार ने की गुजारिश सुलियरी कोल ब्लॉक में कोयला खनन की बाधा करें दूर।
सिंगरौली. कोयला की बढ़ी मांग के मद्देनजर सुलियरी कोलब्लॉकमें जल्द से जल्द खनन की प्रक्रिया शुरू कराने का निर्देश जारी किया गया है। शासन स्तर से यह निर्देश जिला प्रशासन के लिए जारी हुआ है। निर्देश है कि खनन प्रक्रिया शुरू करने में आड़े आ रही बाधा को जल्द से जल्द दूर किया जाए। ताकि कोयला खनन शुरू हो सके। शासन से यह निर्देश आंध्रप्रदेश सरकार की ओर से की गई गुजारिश पर जारी हुआ है।
आंधप्रदेश सरकार की कंपनी आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (APMDC) को यहां सुलियरी कोल ब्लॉक आवंटित है। अगस्त महीने में एपीएमडीसी ने सभी प्रक्रियापूरी करते हुए कोल ब्लॉक में डोंगरी गांव से कोयला खनन की प्रक्रिया शुरू की, लेकिन विस्थापित ग्रामीणों के विरोधके चलते खनन कार्य रोकना पड़ा।
उचित मुआवजा सहित कई मांगों को लेकर विस्थापित खनन का विरोध कर रहे हैं। कहना है कि मांगों कोपूरी करने के बाद खनन कार्य शुरूकियाजाए। शासन स्तर से निर्देश विस्थापितों की मांग और खनन के विरोध संबंधित समस्या का त्वरित गति से समाधान करने को लेकर जारी हुआ है। ताकि कोयला खनन शुरूकिया जा सके |
गौरतलब है कि सुलियरी कोल ब्लॉक के तहत खनन के लिए 1297 गई है। हेक्टेयर क्षेत्र चिहिनत किया गया है। इसमें 110 मिलियन टन भंडारित कोयला है। शुरुआत में प्रति वर्ष करीब 5 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य है। वर्ष 2016 में आवंटित इस खदान में खनन की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली बताया गया कि विस्थापितों का विरोध खत्म करने और खनन शुरू कराए जाने को लेकर आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को पत्र लिखकर कहा कि खनन शुरू होने से एक ओर जहां बढ़ी मांग के बीच कोयला उपलब्ध होगा। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार को राजस्व भी मिलेगा। क्षेत्र के विकास और रोजगार मिलेगा सो अलग। फिलहाल निर्देश के बाद जिला प्रशासन अब विस्थापितों के साथ जल्द ही बैठक करने की तैयारी में है।