नाबालिग के वाहन चलाने पर अभिभावकों पर कार्रवाई सिरोही शहर यातायात प्रभारी एएसआई मगनाराम ने बताया कि नाबालिग के वाहन चलाते पाए जाने पर वाहन सीज कर बाल न्यायालय द्वारा चालान बनाने व अभिभावकों पर कार्रवाई का नियम है। बच्चों की जिद पूरी करने के लिए उन्हें बाइक थमाने वाले अधिकांश माता-पिता इस नियम से अनजान हैं। कई बार परिजनों को बुलाकर समझाइश कर रियायत दी जाती है।
स्कूल छोड़ने आ रहे परिजन की बाइक को मारी टक्कर बुधवार सुबह 7 बजे पैलेस रोड स्थित बाल मंदिर व महात्मा गांधी स्कूल के मुख्य दरवाजों के सामने बाइक और स्कूटी की भिड़ंत हो गई। हुआ यूं कि बाल मंदिर की एक छात्रा को उसके परिजन बाइक से छोडने आ रहे थे, वहीं दूसरी ओर स्कूटी पर दो नाबालिग लड़के तेज गति से स्कूटी चलाते आए और बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार छात्रा और उसके परिजन दोनों गिर गए। हादसे में चारों को हल्की चोंटे आई। गनीमत रही कि बड़ा हादसा नहीं हुआ।
पुलिस के सामने ही चलते रॉन्ग साइड शहर में जेल चौराहा, बस स्टेण्ड चौराहा पर यातायात पुलिस पॉइंट के सामने ही लोग दिनभर रॉन्ग साइड से बाइक-स्कूटर निकालते रहते हैं। पिण्डवाडा व सरूपगंज शहर से गुजर रहे हाइवे के सर्विस लेन पर तो दिनभर रॉन्ग साइड चलने वालों की भीड़ रहती है।
बाइक पर तीन-चार और अधिक भी लोग नौसिखिए या नाबालिग दोस्ती निभाने के चक्कर में बाइक पर तीन-चार या अधिक लोगों को बिठा लेते हैं। नियमों की जानकारी नहीं होने और अनुभव की कमी से हादसे का शिकार हो जाते हैं।
यह है हादसे के प्रमुख कारण् – काफी नाबालिग बाइक दौड़ाते हैं। अनुभव की कमी से हादसे का शिकार हो जाते है। -राजमार्गों व अन्य सडक़ों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। जिससे हादसे होते रहते है।
– रात में बड़े वाहनों की रोशनी से भी बाइक सवार देख नहीं पाते। – रात्रि में सडक़ों पर पशु खड़े रहते हैं। इनके कारण भी हादसे होते है। इन्होंने कहा
यदि नाबालिग बिना लाइसेन्स के वाहन चलाता है, तो उसके खिलाफ एमवी एक्ट में किशोर न्याय बोर्ड न्यायालय में इस्तगासा पेश होगा। वाहन मालिक के खिलाफ भी संबंधित न्यायालय में इस्तगासा पेश होकर कानूनी कार्यवाही होगी।