परिजनों व ग्रामीणों ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से बच्चे को करीब दो घंटे तक खूब तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। सूचना पर प्रशासन व वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे। इधर, अपने इकलौते बेटे को मगरमच्छ द्वारा निगलने पर परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल था। खबर लिखे जाने तक बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा है।
जानकारी के अनुसार मुनिया बांध के बाहर ओवरफ्लो से बह रहे पानी में कुछ बच्चे नहा रहे थे। वहां माण्डवाडा खालसा निवासी पप्पू पुत्र किरियाराम भील भी खड़ा था। इसी दौरान अचानक से बांध के अंदर से आया एक मगरमच्छ बालक पप्पू को खींचकर गहरे पानी में ले गया। मगरमच्छ को देखकर वहां नहा रहे अन्य बच्चे भी डर गए। वे दौडक़र घर पहुंचे और परिजनों को घटना की जानकारी दी। बच्चों के शोर मचाने पर मौके पर समाजसेवी हीरालाल चौधरी सहित काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई तथा घटना की जानकारी पुलिस व प्रशासन को दी।
सूचना पर पुलिस, प्रशासन व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान तहसीलदार मादराम मीणा, थाना प्रभारी हरिसिंह राजपुरोहित, विकास अधिकारी हनुवीर विश्रोई, जनप्रतिनिधि सोमाराम गरासिया, वन विभाग की अंजू चौहान, हीराराम, रुपाराम, भुवनेश राजपुरोहित सहित प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी व ग्रामीणजन मौजूद है।
पांच बहनों के बीच इकलौता भाई था पप्पू, उसे भी कुदरत ने छीना किरियाराम भील के पांच बच्चे हैं। उनमें पप्पू चौथे नंबर की संतान था। किरियाराम के तीन बेटियों के बाद जब बेटा हुआ तो पिता किरियाराम, मां सूजी देवी सहित सभी परिजन खुश थे। परिजनों ने बेटे को बड़े लाड प्यार से पाल पोसकर बड़ा किया और रविवार को बांध पर हुई घटना में कुदरत ने उसे भी छीन लिया। मगरमच्छ के निगलने की सूचना पर माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल था। अपने इकलौते भाई को खोने पर चारों बहनों की भी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। पप्पू पांचवीं कक्षा में पढ़ता था।
35 साल पहले भतीजे को चीते ने बनाया था शिकार ग्रामीणों ने बताया कि किरियाराम के ही परिवार में करीब ३५ साल पहले भी घटना हुई थी। वर्ष 1987 में हुई घटना में किरियाराम भील के बडे भाई शंकर भील के बेटे मगाराम को घर के बाहर खेलते समय एक तेंदुआ ने शिकार कर लिया था। मगाराम भी उसके पिता के इकलौता बेटा था। उस घटना के बाद अब इस घटना ने परिवार के लोगों को फिर से झकझोर दिया।
घटना के 5 घण्टे बाद भी मासूम का नहीं लगा सुराग माण्डवाडा खालसा के मुनिया बांध में नहाने के दौरान मगरमच्छ के मासूम को निगलने की घटना से इलाके में हडक़म्प मच गया। परिजनों व ग्रामीणों ने उसे खूब तलाशा, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
तहसीलदार व थानाधिकारी पहुंचे मौके पर, नहीं बुलाई आपदा प्रबंधन टीम मुनिया बांध के समीप नहाने के दौरान एक मासूम को मगरमच्छ के निगलने की घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार मादाराम मीणा व थानाधिकारी हरिसिंह राजपुरोहित मौके पर पहुंचे तथा घटना की जानकारी लेकर मौका फर्द बनाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की टीम को मौके पर नहीं बुलाया गया।