साइबर थाना पुलिस के मुताबिक प्रार्थी देवानंद यादव हॉल इंजीनियर जेके फैक्ट्री पिण्डवाड़ा ने थाने पर उपस्थित होकर एक लिखित रिपोर्ट दी थी कि उसके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया और बोला कि बैंक से बोल रहा हूं, आपका बैंक अकाउंट, पेन और आधार से लिंक नहीं हैं। आपको एक लिंक भेजा हैं, पेन आधार नंबर को जल्दी से अपडेट कर लीजिए, अन्यथा आपका अकाउंट ब्लॉक हो जाएगा। उसने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया तो एसबीआई योनो एप्लीकेशन का पेज ओपन हुआ और उसके खाते के इंटरनेट बैंकिंग के यूजर आईडी से लॉगिन करते ही 1 लाख 89 हजार 900 रुपए डेबिट हो गए। मामले में साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित पेमेंट गेटवे और बैंक अधिकारियों से पत्राचार से सम्पर्क कर बैंक खाते से अनाधिकृत तरीके से स्थानांतरित हुई राशि को फ्रॉडस्टर की ओर से आहरित करने से पहले ही फ्रीज करवाकर पुन: प्रार्थी देवानंद के खाते में जमा करवाने में सफलता प्राप्त की।
पुलिस टीम में साइबर थाना के पुलिस निरीक्षक हरचंद राम, पुलिस उप निरीक्षक दीपसिंह, हैड कांस्टेबल पारस कुमार, कांस्टेबल जगदीश चौधरी, रमेश कुमार, अमृत, अशोक शामिल थे। उक्त कार्रवाई में जगदीश चौधरी की विशेष भूमिका रही। वहीं साइबर टीम की सराहनीय सफलता पर जिला पुलिस अधीक्षक ने टीम की प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत करने की घोषणा की।
टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा एसपी ममता गुप्ता के निर्देशन में एएसपी बृजेश सोनी के सुपरविजन में साइबर थानाधिकारी दिनेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने यह सफलता हासिल की। टीम में पुलिस निरीक्षक हरचंदराम, पुलिस उप निरीक्षक दीपसिंह, पारस कुमार, रमेश कुमार, जगदीश कुमार, अशोक, अमृतलाल व कांस्टेबल अशोक शामिल रहे। एसपी ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत साइबर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि किसी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के लिए सावधान रहें, सोशल मीडिया पर राशि दोगुनी करने आदि किसी तरह के लालच में ना आएं। साथ ही ऑनलाइन ठगी का शिकार होने पर साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल या 1930 टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर समय पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।