इससे पहले आरटीएच बिल वापस लेने की मांग को लेकर सिरोही, पाली, जालोर जिले के मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सक व उनका परिवार, डेंटिस्ट, मेडिकल स्टोर, लैब, पैरामेडिकल, स्टाफ व उनके परिवारजनों सिरोही में रैली निकाली। इस दौरान चिकित्सकों ने इस बिल का विरोध जताते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्रारंभ हुई रैली शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए निकाली। जिसमें चिकित्सक इस बिल के विरोध में नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। इसके बाद चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री के एडीएम को ज्ञापन सौंपा।
इससे पहले डॉ. नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आरटीएच से डॉक्टर और मरीज दोनों को ही हानि होगी। सरकार यह अराजक बिल वापिस लें, अन्यथा आंदोलन और तेज होगा।
इस दौरान जालोर से डॉ भूपेंद्र चौधरी, सांचोरी से डॉ सुरेश सागर, पाली से डॉ. महावीर सुराणा, डाॅ. मनोहर सिंह राजपुरोहित, रणकपुर से डॉ. मनोज सक्सेना, डॉ प्रवीण, सिरोही से डॉ अनिल चौधरी, आबू रोड से डॉ अजय सिंघला, सुमेरपुर से डॉ आदित्य प्रताप सिंह व सैंकड़ों चिकित्सक, शिवगंज के डॉ मनीष, डॉ गुलाब व अन्य चिकित्सक, सिरोही केमिस्ट एसोसिएशन के प्रेम भाई, सुमेरपुर केमिस्ट एसोसिएशन से हितेश भाई, जालोर केमिस्ट एसोसिएशन के मुकेश बाफना, सुमेरपुर शिवगंज लैब एसोसिएशन से कृष्णा, सिरोही लैब एसोसिएशन से विपिन अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में चिकित्सलों ने रैली में शामिल होकर इस बिल का विरोध जताया।
अनशन पर बैठे एक चिकित्सक की बिगड़ी तबीयत, आईसीयू में भर्ती
इधर, आरटीएच बिल के विरोध में सिरोही के जिला अस्पताल के बाहर 30 मार्च से आमरण अनशन पर बैठे 70 वर्षीय डॉ ओ पी मेवाड़ा की जिला कलक्टर को ज्ञापन देते समय तबीयत बिगड़ गई। उनके सीने में दर्द और चक्कर आने से नीचे गिरकर बेहोश हो गए। इस दौरान रैली के मौजूद चिकित्सकों ने रेस्क्यू किया और तत्काल सरकारी एम्बुलेंस मंगवाकर उन्हें सिरोही के मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. मेवाड़ा की इच्छा के विरुद्ध ड्रिप चालू की। जबकि डॉ. सोहन कुमावत का अभी भी आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। चिकित्सकों ने देर शाम को अनशन स्थल पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया।